scriptशराब ने डाली पिता और पुत्र के रिश्तों में दरार, अदालत ने दूर की तकरार | Liquor cracks in relationship between father and son, court removes di | Patrika News

शराब ने डाली पिता और पुत्र के रिश्तों में दरार, अदालत ने दूर की तकरार

locationशाजापुरPublished: Feb 11, 2018 12:23:53 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

शराब के नशे में पिता के साथ मारपीट कर अलग-अलग रह रहे पिता-पुत्र लोक अदालत में समझौते से फिर एक हो गए।

patrika

court,National Lok Adalat,check bounce case,

शाजापुर. शराब के नशे में पिता के साथ मारपीट कर अलग-अलग रह रहे पिता-पुत्र लोक अदालत में समझौते से फिर एक हो गए। शनिवार को कोर्ट परिसर में लगी लोक अदालत में कुछ इसी तरह के प्रकरणों को निपटाया गया। जिसमें सालों से एक-दूसरे से खफा पिता-पुत्र को मिलाया, तो दहेज प्रकरण में विवादों में उलझे पति-पत्नी समझौते के आधार पर अलग रहने पर सहमत हुए।
ग्राम मदाना निवासी केरसिंह और उनके पुत्र विष्णु के बीच विवाद चल रहा था। पिछले ६ माह से प्रकरण न्यायालय में लंबित था। जिसमें शनिवार को लोक अदालत में समझौता किया गया और दोनों पिता-पुत्र गले मिलकर घर गए। मामले में समझौता आलोक तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 आलोकप्रताप सिंह की अदालत में हुआ। पैरवी एडवोकेट जीके सक्सेना और गोपाल नागर ने की। इसी तरह एक दहेज प्रकरण के मामले में पति-पत्नी में समझौता जेएमएफसी मंजूसिंह की अदालत में हुआ। इसमें कांजा निवासी रितु राव की शादी ४ साल पहे विनोद राव उज्जैन के साथ हुई थी। शादी के ६ माह बाद ही दहेज प्रकरण का विवाद शुरू हो गया। ढाई साल से मामला न्यायालय में चल रहा था।
शनिवार को मामले में दोनों पति-पत्नी में अलग रहने पर राजीनामा हुआ। इसी तरह ग्राम दुपाड़ा की ९० वर्षीय चंदाबाई का अपने नाती महेश गिरी के साथ मारपीट का मामला २०१४ से न्यायालय में चल रहा था। जिसका समझौता आलोक तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 आलोकप्रताप सिंह की अदालत में हुआ। सभी मामलों में पैरवी एडवोकेट जीके सक्सेना और गोपाल नागर द्वारा की गई।
२० लाख से अधिक के १४२ विद्युत प्रकरण निपटे
लोक अदालत में विभिन्न बिजली, बैंक सहित विभिन्न विभागों के प्रकरण भी निपटे। जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी के १४२ प्रकरणों का निपटारा किया गया। इन्समें २० लाख रुपए से अधिक के प्रकरण निपटे।
नेशनल लोक अदालत में 527 प्रकरणों का निपटारा
शाजापुर. आमजनता के प्रकरणों को आपसी सहमति से निराकृत करने के उद्देश्य से शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला मुख्यालय स्थित जिला एवं सत्र न्यायालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रप्रसाद शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।नेशनल लोक अदालत में 2 करोड़ 14 लाख 42 हजार 93 रुपए की राशि जमा की गई। जिसमें ५२७ प्रकरणों का समझौते से निपटारा हुआ।
नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, प्री-लिटीगेशन प्रकरण, निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अंतर्गत चैक बाउंस प्रकरण, भू-अर्जन अधिनियम, कुटुंब न्यायालय आदि के कुल 11 हजार 231 प्रकरण लोक अदालत में निराकरण हेतु रखे गए। इन प्रकरणों में से जिले एवं तहसील न्यायालयों में 527 प्रकरणों का निराकरण राजीनामे से हुआ। इन प्रकरणों में 2 करोड़ 14 लाख 42 हजार 93 रूपए की राशि जमा हुई। रविवार को लोक अदालत में प्री-लिटीगेशन प्रकरणों में बैंक रिकवरी के 3 हजार 78 3 प्रकरण रखे गए जिसमें 6 4 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 101 व्यक्ति लाभांवित हुए और 6 लाख 36 हजार 423 रूपए जमा हुए। विद्युत प्री-लिटिगेशन के 2 हजार 88 प्रकरण रखे गए, जिसमें 62 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 110 व्यक्ति लाभांवित हुए और 6 लाख 56 हजार 231 रूपए जमा हुए। जल कर के 6 46 प्रकरण रखे गए जिसमें 55 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 64 व्यक्ति लाभांवित हुए और 3 लाख 42 हजार 778 रूपए जमा हुए। अन्य प्रकार के 16 7 प्रकरण रखे गए जिसमें 12 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 24 व्यक्ति लाभांवित हुए और एक लाख 45 हजार 6 32 रूपए जमा हुए। इसी तरह लंबित प्रकरणों में 772 आपराधिक प्रकरण रखे गए जिसमें 58 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 42 व्यक्ति लाभांवित हुए। धारा 136 चैक बाउंस के 527 प्रकरण रखे गए जिसमें 43 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 86 व्यक्ति लाभांवित हुए और 48 लाख 41 हजार 28 8 रूपए जमा हुए। मोटर दुर्घटना दावा क्लेम के 379 प्रकरण रखे गए जिसमें 26 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 89 व्यक्ति लाभांवित हुए और 91 लाख रूपए जमा हुए। विद्युत विवाद के 2 हजार 28 प्रकरण रखे गए जिसमें 18 4 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 337 व्यक्ति लाभांवित हुए और 13 लाख 85 हजार 465 रूपए जमा हुए। फेमली विवाद के 412 प्रकरण रखे गए जिसमें 10 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 23 व्यक्ति लाभांवित हुए और 1 लाख 52 हजार रूपए जमा हुए। लोक अदालत में 196 सिविल प्रकरण रखे गए जिसमें 12 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिससे 28 व्यक्ति लाभांवित हुए और 41 लाख 8 2 हजार 276 रूपए जमा हुए। इनके अलावा लोक अदालत में 207 अन्य 1 प्रकरण का निराकरण हुआ जिससे 2 व्यक्ति लाभांवित हुए। इस अवसर पर न्यायाधीश दीपककुमार पांडेय, अखिलेशकुमार धाकड़, सुरेंद्रसिंह गुर्जर, मंजू सिंह, आलोकप्रताप सिंह, सरिता चौधरी, ऊषाकांता बैरागी, दीपा गेहलोत एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सुरभि सिंह तथा जिला बार संघ के उपाध्यक्ष अनिल आचार्य भी उपस्थित थे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो