राज्य शासन उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में 13 अगस्त तक स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में ऑनलाइन प्रवेश समय सारणी में 16 अगस्त तक शुल्क भुगतान के लिए वृद्धि की गई थी। इस दौरान 14 अगस्त को ही फीस जमा करने वाली लिंक बंद हो जाने से विद्यार्थियों को परेशानी हो रही थी। ऐसे में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नवीन कॉलेज प्रबंधन से लिंक खुलवाने की मांग की थी। नवीन कॉलेज से उच्चशिक्षा विभाग को एक दिन के लिए लिंक खुलवाने संबंधी पत्र लिखा गया था। इस पत्र के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने 16 अगस्त की रात को पत्र जारी किया। जिसमें 20 अगस्त से ऑनलाइन प्रवेश दोबारा शुरू करने एवं 31 अगस्त तक शुल्क जमा करने के लिए आदेश जारी कर दिए। ऐसे विद्यार्थी जो उक्त चार चरण में कॉलेज में प्रवेश से वंचित रह गए थे वे विद्यार्थी इस समयावधी में कॉलेज में प्रवेश ले सकते है।
लगातार प्रवेश बढऩे से कॉलेज हुआ हाउसफुल
वैसे तो उच्च शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश मेें ही प्रवेश प्रक्रिया के लिए तिथि बढ़ाई है, लेकिन लगातार प्रवेश होना जिले के लीड नवीन कॉलेज के लिए परेशानी भरा हो गया है। कॉलेज में वर्तमान में महज बीए प्रथम वर्ष की कक्षा में अभी तक कुल 495 विद्यार्थी प्रवेश ले चुके है। पांचवी बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से ये आंकड़ा बढऩे की पूरी संभावना है। इसके अतिरिक्त कॉलेज की संपूर्ण कक्षाओं में विद्यार्थियों के प्रवेश की स्थिति की बात की जाए तो करीब 3 हजार प्रवेश होने की संभावना है। लगातार प्रवेश होने से कॉलेज प्रबंधन के हाथ-पैर फुलने लगे है। क्योंकि जब परीक्षा का संचालन होगा तो केवल बीए के विद्यार्थियों को बैठाने के लिए कॉलेज के कक्ष कम पड़ जाएंगे। क्योंकि यदि कॉलेज में नियमित प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या 550 से ज्यादा हो गई तो इसके अतिरिक्त कॉलेज में परीक्षा देने वालों में मो. बड़ोदिया और गुलाना कॉलेज के भी विद्यार्थी शामिल होंगे। इनके साथ ही स्वाध्यायी परीक्षार्थी भी परीक्षा देने पहुंचेंगे। ऐसे में यदि संख्या 700 पार कर गई तो कहां पर परीक्षा का आयोजन होगा और कैसे होगा। इसका जवाब किसी के पास भी नहीं है।
ये भी चुनौतियां कॉलेज के सामने
1. कॉलेज में स्थाई प्राध्यापक और सहा. प्राध्यापक मिलाकर कुल 18 पदस्थ है। इससे पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
2. नवीन कॉलेज में अतिथि विद्वानों की संख्या 17 है। ऐसे में 3 हजार बच्चों को अध्यापन कराना चुनौतीपूर्ण होगा।
3. कॉलेज में परीक्षा और कक्षा संचालन के लिए महज 15 कक्ष ही है। ऐसे में विद्यार्थियों को बैठाने के लिए व्यवस्था कैसे हो पाएगी।
4. 31 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया चलने के कारण कुछ विषयों की कक्षाएं शुरू ही नहीं हो पा रही है। इसके चलते कोर्स पूरा करना सबसे बड़ा चुनौती का काम होगा।
5. स्टॉफ की कमी होने के कारण किसी भी कक्षा को अलग-अलग वर्ग में बांटकर पढ़ाई नहीं कराई जा सकती है।
6. इसके साथ ही उच्च शिक्षा विभाग के आदेश, सरकारी कार्यक्रमों का भी संचालन करना कॉलेज के लिए परेशानी साबित हो सकता है।
7. यदि एक साथ विद्यार्थी अध्ययन के लिए कॉलेज पहुंचे तो सभी को कहां बैठाकर पढ़ाई कराई जाएगी।
इनका कहना है
कॉलेज में प्रवेश के लिए उच्च शिक्षा विभाग के आदेशानुसार 5वीं बार लिंक खोली जाएगी। इस संबंध में विस्तृत निर्देश अभी नहीं मिले है। जो भी निर्देश मिलेंगे उनका पालन किया जाएगा। ये बात सही है कि प्रवेश संख्या बढऩे से व्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती है।
– डॉ. एसके मेहता, प्रभारी प्राचार्य, नवीन कॉलेज-शाजापुर