scriptvideo : इतिहास में पहली बार 213 करोड़ से ज्यादा की आय का बजट प्रस्तुत | Public relief given, municipality did not make new tax | Patrika News
शाजापुर

video : इतिहास में पहली बार 213 करोड़ से ज्यादा की आय का बजट प्रस्तुत

राजस्व सभापति नाराज, सीएमओ ने पेश किया बजट : 213 करोड़ से ज्यादा के बजट में नपा ने की साढ़े 5 लाख से ज्यादा की बचत, जनता को मिली राहत, नपा ने नहीं लगाया नया कर

शाजापुरMar 07, 2019 / 11:25 am

Lalit Saxena

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शाजापुर. नगरपालिका ने बुधवार को 213 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट पेश करते हुए साढ़े 5 लाख रुपए से ज्यादा की बचत बताई, लेकिन कांग्रेस की परिषद के इस चौथे बजट से राजस्व सभापति उपेक्षा के चलते नाराज रहे। ऐसे में उनके स्थान पर सीएमओ ने बजट प्रस्तुत किया। हंगामेदार बैठक में दो घंटे से ज्यादा समय तक चली बहस के बाद 10 मिनट में बजट प्रस्तुत हो गया। खास बात यह रही कि इसमें शहरवासियों पर किसी प्रकार का नया कर नहीं लगाया गया। साथ ही किसी भी कर में बढ़ोतरी नहीं की गई। दूसरी ओर नपा के इतिहास में पहली बार 213 करोड़ से ज्यादा की आय का बजट प्रस्तुत हुआ।

आचार संहिता कभी-भी लग सकती है
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता कभी-भी लग सकती है। ऐसे में शहर के विभिन्न कार्यों के लिए नपा ने बुधवार को वर्ष 2019-20 का आय-व्यय लेखा बजट प्रस्तुत किया। नपा परंपरा अनुसार बजट प्रस्तुत करने का अधिकार नपा के राजस्व सभापति का रहता है। ऐसे में वर्तमान परिषद के प्रभारी राजस्व वित्त एवं लेखा अधिकारी राजेंद्रसिंह सेंगर पर बजट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने बजट प्रस्तुत करने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि इस बार जो बजट पत्रक तैयार हुआ है इसमें उनसे जानकारी ही नहीं ली गई और न ही सूचना दी गई। परिषद की बैठक में सीधे ये पत्रक हाथ में पकड़ा दिया। सभापति के विरोध के बाद सीएमओ भूपेंद्रकुमार दीक्षित ने पत्रक का वाचन किया। इस बजट में नपा ने वर्ष 2019-20 की अनुमानित आय 2 अरब 13 करोड़ 56 लाख 7 हजार 658 रुपए बताई। इसमें से अनुमानित व्यय 2 अरब 13 करोड़ 50 लाख 49 हजार 365 रुपए बताया गया। बचत 5 लाख 58 हजार 293 रुपए बताई गई है। नपाध्यक्ष शीतल भट्ट, उपाध्यक्ष मनोहर विश्वकर्मा, सीएमओ दीक्षित सहित समस्त वार्ड पार्षद, सभापति, नपा के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

दो घंटे तक चली बहस और हुआ हंगामा
नपा सभाकक्ष में बुधवार सुबह 11 बजे से बजट पेश होना था। तय समय पर अध्यक्ष सहित अन्य सभी पहुंच गए। यहां पर बैठक शुरू होते ही सबसे पहले वार्ड 21 के पार्षद विलेश व्यास ने सीएमओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा उनके वार्ड के किसी भी कार्य को सीएमओ और अन्य अधिकारी नहीं कर रहे हैं। वार्ड में विकास कार्य ठप हैं। सीएमओ से कहा अगली परिषद की बैठक के पहले उनके वार्ड में काम शुरू हो जाना चाहिए अन्यथा वो बैठक का बहिष्कार करेंगे। वार्ड 24 के पार्षद सन्नी दुबे ने कहा वार्ड में तीन लैंप के लिए बार-बार आग्रह करने के बाद भी नहीं लगाए जा रहे हैं। उन्होंने सीएमओ को ऐसे ठेकेदार जिन्होंने कार्य नहीं किए उन पर कार्रवाई की मांग की। वार्ड 13 के पार्षद अजय दीक्षित ने भवन निर्माण अनुमति सहित अन्य मुद्दों पर सीएमओ से सवाल-जवाब किए। उन्होंने कहा होमगार्ड लाइन के पास नपा के चलित शौचालय रखे हुए। इसका किराया लिया जा रहा है क्या। सीएमओ ने जवाब दिया कि वो नि:शुल्क रखे हुए है। दीक्षित ने तत्काल उक्त शौचालयों का किराया वसूलने के लिए कहा साथ ही किराया नहीं मिलने पर शौचालय हटवाने की बात कही। सीएमओ ने कार्रवाई का आश्वासन दिया। वार्ड 11 के पार्षद महेंद्र सांकलिया ने पीआइसी की बैठक को लेकर कहा बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया। मामले में काफी देर तक गहमागहमी होती रही। वार्ड 25 के पार्षद मूलचंद जाटव ने पूर्व परिषद में बताए गए कार्यों व उनके वार्डके कार्यों के पूरा नहीं होने पर सीएमओ और अन्य अधिकारियों पर आरोप लगाए। वार्ड 22 के पार्षद राजेश पारछे ने भी बात रखी। महिला पार्षदों ने भी वार्ड में कार्य नहीं होने की परेशानी बताई। पार्षदों के आरोप-प्रत्यारोप के चलते सुबह 11 बजे से शुरू हुई बैठक में दो घंटे तक गहमागहमी, बहस और हंगामा होता रहा। नपाध्यक्ष ने भी कई बार बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत कराया। उपाध्यक्ष ने भी सीएमओ पर विभिन्न मामलों में ध्यान नहीं देने की बात कही।

अध्यक्ष ने भी सीएमओ से मांगे जवाब
महिला पार्षद ने लिखित आवेदन देते हुए बताया उनके वार्ड के पास ट्रेंचिंग ग्राउंड में लोग खुले में कचरा फेंकते हैं। वहां पर अभी तक भी कचरा पेटी नहीं रखवाई है। नपाध्यक्ष ने भी सीएमओ से जवाब मांगा और पूछा कि अभी तक वहां पर कचरा पेटी क्यों नहीं रखवाई गई। सीएमओ ने जल्द ही व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। पार्षदों की नाराजगी को देखते हुए नपाध्यक्ष ने सीएमओ से मामले को हल करवाने की बात कही।

अगली बैठक में प्रस्तुत करें बजट
करीब दो घंटे तक हंगामा चलने के बाद भी जब माहौल शांत नहीं हुआ तो कुछ पार्षदों ने बजट को परिषद की बैठक में प्रस्तुत करने की बात कही। हालांकि इस पर सीएमओ सहित नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष आदि ने समझाइश दी कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता कभी-भी लग सकती है। ऐसे में यदि आज बजट पेश नहीं किया और आचार संहिता लागू हो गई तो शहर विकास के सभी काम अटक जाएंगे। इसके बाद 10 मिनट में बजट प्रस्तुत हो गया। बताया जाता है कि बैठक में प्रोसेडिंग रजिस्टर पर भी कुछ पार्षदों और सभापतियों हस्ताक्षर नहीं किए।

बगैर परिषद की जानकारी जारी हो गया टेंडर
बैठक के दौरान मुद्दा उठाया कि शहर के वार्ड क्रमांक १० में नाला निर्माण के लिए बगैर पीआइसी और परिषद की स्वीकृति के 72 लाख रुपए का टेंडर जारी कर दिया गया। जब ये मामला सामने आया तो सभी ने सीएमओ से कारण पूछा। सीएमओ ने जवाब किया कि ये मेरी गलती से हो गया क्योंकि इस पर हस्ताक्षर तो मेरे हैं। उन्होंने सभी को आश्वास्त किया कि टेंडर को निरस्त किया जाएगा। साथ ही जो भी ठेकेदार कार्य नहीं कर रहे हैं उन्हें भी नोटिस जारी किया जाएगा। एेसे में तीन करोड़ रुपए के ६० काम एेसे हैं जो ठेकेदारों की लेतलाती के कारण बंद पड़े हैं।

1 अरब 29 करोड़ का मिला अनुदान
सीएमओ ने बजट पत्रक प्रस्तुत किया। वर्ष 2019-20 में नपा प्रस्तावित आय 1 अरब 82 करोड़ 56 लाख 7 हजार 658 रु प्रस्तुत की गई। प्रारंभिक सिलक 31 करोड़ रुपए जोड़कर कुल प्रस्तावित आय 2 अरब 13 करोड़ 56 लाख 7 हजार 658 रु प्रस्तुत की। 2019-20 के प्रस्तावित व्यय 2 अरब 13 करोड़ 50 लाख 49 हजार 365 रु प्रस्तुत करते हुए 5 लाख 58 हजार 293 रु की बचत प्रस्तुत की गई।

वर्ष 2019-20 की प्रमुख आय
नगर पालिका कर और दर : 18 करोड़ 93 लाख 90 हजार 78 रुपए
विशेष अधिनियम के अधीन प्राप्तियां : 1 लाख 50 हजार रुपए
नपा की संपत्ति से एवं अन्य स्रोतों से प्राप्त आय : 14 करोड़ 99 लाख 3 हजार 777
जलकर प्राप्तियां : 8 करोड़ 9 लाख 25 हजार 803 रुपए
विविध प्राप्तियां : 7 करोड़ 15 लाख 78 हजार रुपए
असाधारण और ऋण : 1 अरब 33 करोड़ 36 लाख 60 हजार रुपए
कुल प्राप्तियों का योग : 1 अरब 8 2 करोड़ 56 लाख 7 हजार 658रुपए
प्रारंभिक सिलक : 31 करोड़ रुपए
कुल महायोग : 2 अरब 13 करोड़ 56 लाख 7 हजार 658 रुपए

वर्ष 2019-20 की प्रमुख व्यय
सामान्य प्रशासन और संग्रहण प्रभार : 2 करोड़ 65 लाख 79 हजार 728 रुपए
सार्वजनिक सुरक्षा : 3 करोड़ 78 लाख 3 हजार 362 रुपए
जनस्वास्थ्य और सुविधाएं : 10 करोड़ 91 लाख 1 हजार 866 रुपए
लोक निर्माण : 19 करोड़ 65 लाख 6 हजार 409 रुपए
जनकल्याण एवं जनसुनवाई विभाग : 1 लाख 50 हजार रुपए
सार्वजनिक शिक्षा : 2 लाख 50 हजार रुपए
अंशदान : 50 हजार रुपए
विविध : 5 करोड़ 41 लाख 48 हजार रुपए
असाधारण तथा ऋण : 1 अरब 70 करोड़ 4 लाख 60 हजार रुपए
कुल व्यय का योग : 2 अरब 13 करोड़ 50 लाख 49 हजार 365 रुपए
अंतिम सिलक : 5 लाख 58 हजार 293 रुपए
कुल महायोग : 2 अरब 13 करोड़ 56 लाख 7 हजार 658 रुपए

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