बुधवार को आरोपी पर रासुका की कार्रवाई किए जाने के बाद गुरुवार सुबह से ही पुलिस खासी सक्रिय दिखी। पार्षद समीउल्लाह को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिला अस्पताल लाया जाना था। इसके चलते यहां सुबह से ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। साथ ही आरोपी पार्षद को जिला जेल से जिला अस्पताल तक लाने के लिए एक डीएसपी और चार थाना प्रभारी के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। दरअसल मामले में प्रकरण दर्ज होने के बाद ही आरोपी पार्षद बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ कोतवाली थाने पहुंच गया था।
इधर पुलिस उसकी गिरफ्तारी की तैयारी ही करती रही। इस स्थिति से पुलिस की खासी फजीहत भी हुई। उज्जैन रेंज के आईजी से लेकर अन्य अफसरों ने भी इस बात पर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद आरोपी के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान पूरी सतर्कता बरती गई। आरोपी पार्षद को मीडिया से बचाने का भी भरसक प्रयास किया गया। पार्षद समीउल्ला खान पर पूर्व में भी चार प्रकरण दर्ज हैं जोकि न्यायालय में विचाराधीन हैं. इनमें तीन प्रकरण बलवा, पथराव और सरकारी कार्य में बाधा डालने के हैं।
विजयी जुलूस में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में नेतृत्वकर्ता होने के कारण पुलिस ने पार्षद को आरोपी बनाया. उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया किंतु मुख्य आरोपी का अभी पता नहीं है. जुलूस निकले 11 दिन हो चुके हैं और प्रकरण दर्ज हुए भी 5 दिन बीत गए इसके बाद भी पुलिस जुलूस में देश विरोधी नारा लगाने वाले लोगों की पहचान नहीं कर पाई है। पार्षद व अन्य लोगों पर आईपीसी की धारा.153.बी, राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना और 188 के तहत प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
26 जुलाई को उज्जैन रेंज आईजी संतोष सिंह और डीआईजी अनिल कुशवाह शाजापुर आए थे। उन्होंने एसपी आफिस में एक घंटे तक शाजापुर अनुभाग के थाना प्रभारी और सभी एसडीओपी की बैठक ली थी। यह बैठक करीब एक घंटे चली. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आईजी ने बैठक में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताया था। आईजी के दौरे के बाद एसपी जगदीश डावर ने भी इस संबंध में शाजापुर एसडीओपी दीपा डोडवे और कोतवाली टीआई अवधेष कुमार शेषा को आफिस बुलाकर दिशा निर्देश दिए थे। आईजी के दौरे के एक दिन बाद ही आरोपी पर रासुका की कार्रवाई हो गई।