शाजापुरPublished: Sep 07, 2018 12:28:35 am
Lalit Saxena
सोयाबीन की फसल शुरुआत में जहां इल्ली से प्रभावित हो रही थी, वहीं अब फसलों को पीता पत्ता रोग जकडऩे लगा है।
सोयाबीन की फसल शुरुआत में जहां इल्ली से प्रभावित हो रही थी, वहीं अब फसलों को पीता पत्ता रोग जकडऩे लगा है।
शाजापुर. सोयाबीन की फसल शुरुआत में जहां इल्ली से प्रभावित हो रही थी, वहीं अब फसलों को पीता पत्ता रोग जकडऩे लगा है। हालांकि कुछ ही जगहों पर कृषि वैज्ञानिकों को पीला पत्ता रोक की शिकायत सामने आई है, लेकिन तापमान में उतार चढ़ाव बना रहा तो ये बीमारी फसलों में तेजी से फैलने लगेगी।
बता दें बारिश की खेंच व तापमान के उतार-चढ़ाव के चलते सोयाबीन फसल की सेहत पर असर पडऩे लगा है। कुछ जगह पर पीला पत्ता रोग दिखाई दिया है। इसके चलते पौधे मुरझाने लगे हैं। यही नहीं इन दिनों चने की इल्ली भी फसलों को सूखाने का काम कर रही है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को फसलों से बचाव के लिए सलाह दी जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जीआर अंबावतिया ने बताया जिले में सोयाबीन की फसल वर्षा अच्छी होने से बेहतर स्थिति में है, लेकिन भ्रमण के दौरान कहीं-कहीं फसल पर एन्थ्रेकनोज पर्णदाग एवं कहीं-कहीं पर फली झुलसने का आंशिक प्रकोक देखा जा रहा है। इसके कारण पत्तों पर भूरे दाग, पत्ती पीली पडऩा, पत्तियों पर दाग और फली झुलसने की समस्या आई है। इसके नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह दी जा रही है।
जिले में इस बार ढाई लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई है। इन दिनों फसल डेढ़ से दो माह की हो चुकी है। फसलें खेतों मंे लहलहाती दिखाई दे रही है, लेकिन बीच में हुई बारिश की खेंच से कुछ फसलें प्रभावित होने लगी। इसके बाद सावन के अंतिम दिनों में हुई बारिश से राहत मिली, लेकिन अब तापमान के घटने-बढऩे से सोयाबीन की फसल फिर से बीमारी की चपेट में आने लगी है।
ये करें किसान
फफूंदीनाशी टेबूकोनोजाल 625 मिली/हे. या टेबूकोनोजाल सल्फर 1 ली/हे. या हेक्साकोनोजाल 500 मिली/हे. छिड़काव करें।
कुछ क्षेत्रों में पत्ती खाने वाली इल्लियों का प्रकोप देखा गया है। इसके नियंत्रण के लिए बीटासायफ्यूरॉन$इमिडाक्लाप्रिड 350 मिली./हे. या थायमिथाक्सम लेम्बड़ा सायहेलोथ्रिन 125 मिली/हे. का छिड़काव करें।
सोयाबीन में जीवाणु अंगमारी रोग (पर्णदाग) के लिए कापर आकसी क्लोराइड 1 मिग्रा, स्ट्रेप्टो सायक्लीन सल्फेट (100 ग्राम) 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
सोयाबीन में पत्ती खाने वाले कीटों से भी नुकसान देखा गया है। इस समय दाना भरने की अवस्था है, अत: जरूरी हो तो किसान निम्न कीटनाकशक रामनेक्सीफायर 10 एपी 100 मिली/हे. या इममेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी 180 मिली/हे. या इन्डोक्साकार्ब 14.8 एसएल 300 मिली/हे. 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
मिश्रित कीटनाशक में थायोमिथोक्साम, लेमड़ा साइहेलोथ्रिन 125 मिली/हे. 500 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
रासायनिक दवाओं के छिड़काव के समय मुंह पर कपड़ा तथा हाथों में ग्लब्स पहने और दवा हवा बंद हो तब सायंकाल के समय छिड़काव करें।