देशभर में इन दिनों जहां पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण सभी परेशान हैं। वहीं विपक्षी दल इससे महंगाई बढऩे की बात कह रहे हैं, लेकिन आमजन की जरूरत कि
शाजापुर•Feb 01, 2018 / 12:15 am•
Gopal Bajpai
देशभर में इन दिनों जहां पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण सभी परेशान हैं। वदेशभर में इन दिनों जहां पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण सभी परेशान हैं। वहीं विपक्षी दल इससे महंगाई बढऩे की बात कह रहे हैं, लेकिन आमजन की जरूरत किहीं विपक्षी दल इससे महंगाई बढऩे की बात कह रहे हैं, लेकिन आमजन की जरूरत कि
शाजापुर. देशभर में इन दिनों जहां पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के कारण सभी परेशान हैं। वहीं विपक्षी दल इससे महंगाई बढऩे की बात कह रहे हैं, लेकिन आमजन की जरूरत किराना सामग्री के दामों पर नजर डालें तो 6 माह में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। अधिकांश किराना सामग्री के दाम 10-25 प्रतिशत तक कम हो गए। दामों में आई कमी का सीधे लाभ लोगों को मिल रहा है।
6 माह पहले किराना सामग्री के दाम खासे बढ़े हुए थे, लेकिन इसके बाद कमी आई। वर्तमान तो स्थिति यह है कि जो शकर 6 माह पहले 42 रुपए प्रतिकिलो थी उसके दाम में 25 प्रतिशत की कमी होकर वो अब 34 रुपए तक पहुंच गई है। शकर की मिठास और ज्यादा बढऩे से आमजन को राहत मिल रही है। इसी तरह दाल, मसाले, तेल आदि के दामों में भी खासी कमी आई है। आने वाले दिनों में दामों के और भी नीचे जाने की संभावना है।
उत्पादन बढऩे से कमी
जानकारों की मानें तो किराना सामग्री के दाम में कमी आने का मुख्य कारण देश में इनका उत्पादन बढऩा है। दरअसल केंद्र सरकार ने अधिकांश सामग्री के एक्सपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा दिया। जैसे शकर के एक्सपोर्ट पर 100 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी। ऐसे में व्यापारी उक्त माल को बाहर भेजने की बजाय देश में ही विक्रय कर रहे हैं। इससे माल की उपलब्धता होने के चलते दाम में कमी आई। इसी तरह अन्य सामग्रियों के दाम में भी इसी कारण से कमी आई है।
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो छोटे शहरों में बड़े शहरों की अपेक्षा किराना सामग्री के दाम में ज्यादा कमी आई, क्योंकि छोटे शहरों में परिवहन कम होता है। इससे सामग्री के दाम भी कम हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर शाजापुर जैसे शहर में 1 लाख आबादी पर करीब 500 किराना दुकाने हैं। ऐसे में लोगों का परिवहन कम हो रहा है और सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है। इसके विपरीत इंदौर में जनसंख्या के अनुपात में किराना दुकानों की संख्या कम है। इसलिए वहां पर शाजापुर की अपेक्षा किराना सामग्री के दाम कुछ ज्यादा है।
1000 तक की बचत
नई सड़क पर गवली मोहल्ला निवासी प्रहलाद गवली ने बताया परिवार में पत्नी, एक बेटी और दो बेटे हैं। 6 माह पहले तक प्रतिमाह किराना सामग्री करीब साढ़े 4 से 5 हजार रुपए की आती थी, लेकिन अब महीने भर का किराना सामान 4 हजार के अंदर ही आ रहा है। अधिकांश सामग्री के दाम कम होने से हर माह 800-1000 रुपए तक की बचत हो रही है।
दाल-मसाले सस्ते
मारवाड़ सैरी में संयुक्त परिवार में रहने वाले शेख शाकीर बुशरा ने बताया घर में चार भाइयों का परिवार साथ रहता है। परिवार में 14 सदस्य हैं। कुछ माह पहले तक घर का किराना सामान करीब 14-15 हजार रुपए प्रतिमाह का आता था, अब 12-14 हजार रुपए तक का किराना मिल रहा है। ऐसे में हर माह करीब 2 हजार रुपए की बचत हो रही है।
आने वाले दिनों में कम होंगे
एक्सपोर्ट ड्यूटी बढऩे से देश में सामग्रियों का उत्पादन हो रहा है। इससे दामों में पिछले 6 माह में 10-25 प्रतिशत तक की कमी आई है। आगामी दिनों में दाम और भी कम हो सकते है।
कन्हैयालाल छबलानी, बाजार विशेषज्ञ एवं किराना थोक विक्रेता
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