सावन माह के प्रत्येक सोमवार को परंपरानुसार ओंकारेश्वर महादेव की सवारी निकाली जाती है। अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए इस बार भी सावन माह के तीनों सोमवार को भगवान ओंकारेश्वर महादेव रथ में सवार होकर निकले। सावन माह के अंतिम सोमवार को भी शाम करीब 6 बजे धानमंत्री के समीप स्थित ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में विधि-विधान से पूजन के बाद महादेव के मुघौटे को रथ में लाकर विराजित किया। इसके बाद ये सवारी शहर में परंपरागत मार्ग से निकली। आगे-आगे बैंड पर बजते शिव भजनों ने माहौल को शिव मय कर दिया। शहर के जिस भी स्थान से सवारी निकली, भक्तों ने महादेव के मुघौटे के दर्शन और पूजन कर लाभ लिया।
कहीं भात से तो कहीं भांग से किया महादेव का शृंगार
सावन माह के सभी सोमवार पर शहर के शिव मंदिरों में शिवलिंग का भात, भांग, मावे, पुष्प आदि से विशेष शृंगार किया जाता रहा है। इसी कड़ी में सावन माह के अंतिम सोमवार को भी शिवालयों में महादेव का विशेष शृंगार किया गया। ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में महादेव का भांग से आकर्षक शृंगार किया गया। इसी तरह मां राजराजेश्वरी माता मंदिर के पीछे स्थित मंगलनाथ महादेव मंदिर में भी महादेव का भांग से आकर्षक शृंगार किया गया। इसके अतिरिक्त काशी विश्वनाथ महादेव, हिंगलाजेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव, नीलकंठेश्वर महादेव सहित अन्य शिव मंदिरों में भी भगवान का आकर्षक शृंगार किया गया।