शाजापुर

दूर हुई पति-पत्नी की तकरार, फिर हुए एक दूजे के

दहेज प्रताडऩा, अत्याचार के मामले में शनिवार को समझौता हुआ।

शाजापुरDec 09, 2018 / 12:02 am

Lalit Saxena

National Lok Adalat,Settlement,

शाजापुर. पति-पत्नी जब विवाह बंधन में बंधते हैं तो सात जन्मों के लिए एक हो जाते हैं। ऐसे में पारिवारिक कलह के चलते कुछ लोगों की तकरार एक-दूजे के बीच खाई बना देती है। ऐसी ही पति-पत्नी के बीच की खाई शनिवार को नेशनल लोक अदालत में समझौते से दूर हुई।
शनिवार को नेशनल लोक अदालत में प्रथम श्रेणी न्यायाधीश मंजूसिंह की अदालत में पति-पत्नी के विवाद के मामले में दो समझौते हुए। राजूबाई (३५) पति ओमप्रकाश (४०) का विवाह १० वर्ष पहले हुए था, लेकिन दोनों के कोई संतान नहीं थी। संतान नहीं होने के चलते कहासुनी से लेकर मारपीट तक विवाद होने लगा। इस पर करीब पांच माह पहले दोनों का मामला कोर्ट में चल रहा था। इस पर शनिवार को न्यायाधीश की समझाइश के बाद दोनों में समझौता हो गया। समझौते में दोनों पक्ष के वकील एडवोकेट संतोष तिवारी और शिव कलेशिया की अहम भूमिका रही। इसी तरह शाजापुर निवासी सोपिया का विवाह १० साल पहले उज्जैन निवासी अकील के साथ हुआ था। करीब पांच सालों से दोनों का मामला कोर्ट में चल रहा था। दहेज प्रताडऩा, अत्याचार के मामले में शनिवार को समझौता हुआ। मामले में दोनों पक्ष के वकील एनपी पांडे और आसिफ कमाली ने समझाइश की पैरवी की।
3 करोड़ से अधिक के अवॉर्ड पारित
शनिवार को नेशनल लोक अदालत में जिला मुख्यालय शाजापुर सहित तहसील मुख्यालय शुजालपुर, आगर, सुसनेर, नलखेड़ा न्यायालय परिसर में हुई नेशनल लोक अदालत में 994 प्रकरण निराकृत हुए। 3 करोड़ 23 लाख 15५४६ रुपए के अवॉर्ड पारित हुए। नेशनल लोक अदालत में 764 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए। नेशनल लोक अदालत में जिले एवं तहसील को मिलाकर कुल 22 न्यायिक खंडपीठ बनाई गई थी।
लोक अदालत में अपराधिक शमनीय प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एमएसीटी प्रकरण (मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद प्रकरण भूमि अधिग्रहण, विघुत एवं जलकर, बिल संबंधी अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य, प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) आदि के कुल 12080 प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में रखे गए थे। उनमें से प्री-लिटिगेशन के 9036 प्रकरण रखे गए। इसमें से 682 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इनमें 3940869 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी प्रकार न्यायालय में 3044 लंबित प्रकरण को नेशनल लोक अदालत में रखे गए। 312 लंबित प्रकरणों का निष्पादन हुआ। 2,83,74,677 राशि जमा हुई। इस प्रकार कुल 994 न्यायालयीन प्रकरणों में राजीनामा करवाया गया। 3 करोड़ 23 लाख 15५४६ रुपए अवॉर्ड राशि वसूली की गई और 1627 से अधिक व्यक्ति लाभान्वित हुए।
लोक अदालत का हुआ शुभारंभ
सुबह 10.30 बजे आयोजन जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष राजेंद्रप्रसाद शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष ने मां सरस्वती एवं गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर शुभांरभ किया। न्यायाधीशगण रमेशकुमार श्रीवास्तव, रमा जयंत मित्तल, सुरेंद्रसिंह गुर्जर, रमेशरंजन चौबे, आलोकप्रताप सिंह, मंजू सिंह, शर्मिला बिलवार, उषाकांता बैरागी, सरिता चौधरी, दीपा गेहलोत, प्रिंसी गुप्ता, प्रथा श्रीवास्तव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सुरभि सिंह, अधिवक्ता अनिल आर्चाय, इंदरसिंह गामी सहित न्यायालय के समस्त कर्मचारीगण भी कार्यक्रम में उपस्थित हुए।

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