उल्लेखनीय है कि जिले में मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी करने की परंपरा है। साथ ही वर्तमान में भी पतंगबाजी में चायना डोर का उपयोग हो रहा है। चायना डोर के कारण विभिन्न घातक दुर्घटनाएं सामने आई है। दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला दंडाधिकारी ने चायना डोर के उपयोग पर 18 दिसंबर से 31 जनवरी 2019 तक प्रतिबंध लगाया है। इस अवधी में कोई भी व्यक्ति पतंगबाजी के लिए चायना डोर का उपयोग एवं संग्रहण नहीं कर सकेगा। साथ ही पतंगो की दुकानों पर चायना डोर न तो विक्रय के लिए रखी जा सकेगी और ना ही विक्रय किया जा सकेगा। धारा 144 के तहत लगाए गए प्रतिबंध लोकहित में एक पक्षीय रूप से जारी किए गए है। कोई भी व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिबंधित चायना डोर बेचने वाले को कोर्ट ने किया दंडित
न्यायालय जेएमएफसी शाजापुर ने प्रतिबंधित चायना डोर बेचने वाले एक आरोपी को अर्थदंड व न्यायालय उठने तक की सजा से दंडित किया है। मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ अजय शंकर ने बताया कि फरियादी शासन की ओर से पुलिस उपनिरीक्षक जितेंद्रसिंह जादौन ने बताया कि 13 जनवरी 2017 को मुखबीर से सूचना मिलने के बाद महुपुरा रपट स्थित पतंग की दुकान पर पहुंचकर जांच की तो यहां पर प्रतिबंधित चायना डोर बरामद हुई। इस मामले में दुकानदार हकीम (45) पिता रमजान खां निवासी मलेरिया अस्पताल के सामने महुपुरा रपट शाजापुर को पकड़ा गया। आरोपी का कृत्य धारा 188 भादवि के तहत दंडनीय होने से आरोपी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। 21 दिसंबर 2016 को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी शाजापुर ने चायना डोर को उपयोग, संग्रहण एवं विक्रय को प्रतिबंधित किया था। उक्त आदेश के उल्लंघन में आरोपी ने प्रतिबंधित चायना डोर का विक्रय किया था। विचारण के दौरान न्यायालय ने अभियेाजन के तर्को से सहमत होकर आरोपी को धारा 188 में दोषी पाते हुए 100 रुपए का अर्थदंड तथा न्यायालय उठने तक की सजा से दंडित किया। शासन की ओर से पैरवी सुषमा बड़ोनिया एडीपीओ जिला शाजापुर ने की।