इससे उम्मीद है कि अब शहर में कचरे के ढेर नहीं लगेंगे। ये व्यवस्था 16 अप्रेल के बाद से शुरू होगी। इस कचरे से उक्त फर्म खाद बनाएगी तथा रिसायकल करेगी। हालांकि खेल स्टेडियम के समीप डाले गए कचरे को नगर परिषद गत 6 महीने से उठवा रही है, लेकिन कचरा इतना ज्यादा है कि उसका निस्तारण अभी तक भी नहीं हो रहा है।
इसके चलते इस कॉलोनी का विकास भी नहीं हो रहा है। कचरा निस्तारित होने के बाद आस-पास की कॉलोनियों का भी विकास होगा। यहां शहर से निकलने वाले कचरे को सालों से डाला जा रहा था।
दोहरा मुनाफा था नगर परिषद की ओर से शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर सोरण में डम्पिंग यार्ड है। यहां नगर परिषद ने 4 वर्ष पहले से ही कचरा डलवाना शुरू कर दिया था।
कुछ दिन तक कचरा सोरण ले जाया गया, लेकिन बाद कर्मचारियों ने कचरे से बनने वाले खाद के दोहरे लाभ के चलते कचरा खेल स्टेडियम के समीप कॉलोनी में डालना शुरू कर दिया। इस कचरे से वे खाद बनाकर किसानों को बेचा करते थे। प्रतिदिन शहर से करीब 8 टन कचरा एकत्र कर कॉलोनी में जमा किया जाता है। जब खाद तैयार हो जाता है तो उसे प्रति ट्रैक्टर-ट्रॉली दो से ढाई हजार में किसानों को बेच दिया जाता है। सूत्रों ने बताया कि ट्रॉली में तीन टन खाद ले जाई जाती है।
इसी लालच के चक्कर में कर्मचारी सोरण स्थित डम्पिंग यार्ड में कचरा नहीं ले जाकर कॉलोनी में डाल रहे हैं। इससे करोड़ों की कॉलोनी कचरा पात्र बनी हुई है। तुलाई होगी हर वाहन की
शहर से उठने वाले कचरे को डम्पिंग यार्ड में तोला जाएगा। इसके लिए कांटा लगाया गया है। टैण्डर के मुताबिक कचरा टन के हिसाब से फर्म को दिया जाएगा। सड़कें भी रहेंगी साफ
शहर की सड़कों पर जमा धूल भी अब जल्द ही प्रतिदिन साफ होने लगेगी। इसके लिए नगर परिषद के पास स्वायत्त शासन विभाग से रोड स्विप कम्प्रेशर आ रहा है। इससे शहर की सड़कों पर दिन में कई बार धूल साफ की जाएगी। इसके लिए अलावा कचरा निस्तारण के लिए 7 नए टैम्पो भी मंगाए जाएंगे।