scriptडेड स्टोरेज से भी चार फीट नीचे उतरा चीलर का पानी | The water of the chicken landed four feet below the dead storage | Patrika News

डेड स्टोरेज से भी चार फीट नीचे उतरा चीलर का पानी

locationशाजापुरPublished: May 08, 2019 07:42:52 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

ढाई माह से लिफ्टिंग कर हो रहा शहर में जलप्रदाय, बारिश में हुई देरी तो बनेगी जलसंकट की स्थिति

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डेड स्टोरेज से भी चार फीट नीचे उतरा चीलर का पानी

शाजापुर.

शहर के सबसे बड़े जलस्रोत चीलर डैम में लगातार पानी कम होता जा रहा है। स्थिति यह है कि डैम के डेड स्टोरेज से भी चार फीट नीचे तक पानी उतर चुका है, अब बचे हुए पानी से आगामी बारिश तक शहरवासियों को जलप्रदाय किया जाना है। ऐसे में बारिश तय समय पर नहीं होती है तो शहरवासियों को पेयजल संकट से जूझना पड़ सकता है। हालांकि जिम्मेदारों का कहना है कि चीलर बांध में अभी इतना पानी शेष है जिससे बारिश तक आसानी से शहरवासियों को जलप्रदाय किया जा सकेगा। लेकिन खास बात यह है कि शहर में प्रदाय के लिए ६ फीट पानी शेष रखा गया था, लेकिन डेड स्टोरेज सहित १० फीट पानी खाली हो चुका है, यानी की दिसंबर माह के बाद बांध से ५ फीट के करीब पानी चोरी हुआ है, ऐसे में यह स्थिति बनी हुई है कि चीलर बांध के तल में बचा हुआ पानी अब शहरवासियों को सप्लाई किया जा रहा है।

ढाई माह से हो रहा पानी लिफ्टिंग, नपा भोग रही अतिरिक्त खर्च
खास बात यह है कि चीलर बांध में पेयजल के लिए ६ फीट पानी रिजर्व रखने के बाद भी फरवरी माह में पानी लिफ्टिंग करने की स्थिति बन गई। लगातार ढाई माह से पानी लिफ्टिंग किया जा रहा है, जिसका अतिरिक्त खर्च भी नगर पालिका को उठाना पड़ रहा है। चीलर बांध में पानी की लिफ्टिंग के लिए नगर पालिका ने मोटरें लगाई है। इन मोटरों की मदद से 24 घंटे पानी को लिफ्ट किया जा रहा है। इस कार्य के लिए नगर पालिका के ६ कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। वहीं प्रतिमाह १ लाख रुपए से अधिक का बिजली बिल लिफ्टिंग कार्य में लगता है। अभी बारिश आने में करीब डेढ माह से अधिक समय है। ऐसे में आगामी दो माह तक डेड स्टोरेज से इसी तरह पानी लिफ्टिंग कर शहरवासियों को प्रदाय किया जाएगा।

अभी दो दिन में एक बार हो रहा जलप्रदाय
बता दें कि शहर में दो दिन में एक बार जलप्रदाय करने की नगर पालिका ने परंपरा बना रखी है। चीलर बांध ओव्हर फ्लो होने के बाद भी नगर पालिका हर दिन जलप्रदाय नहीं कर सकती। ऐसे में गर्मी के दिनों में शहरवासियों की समस्या बढ़ जाती है। इस बार चीलर बांध में १६ फीट पानी जमा हुआ था। जिसके बाद जल उपयोगिता समिति की मांग पर किसानों को सिंचाई के लिए एक बार दोनों नहरों से ४० दिन तक पानी छोड़ा गया। इसके बाद शहर में पेयजल के लिए साढ़े ६ फीट पानी शेष रखा। दिसंबर अंत में रखे गए साढ़े फीट पानी तो कब खत्म हो चुका है, डेड स्टोरेज से भी ४ फीट पानी नीचे उतर गया है। चीलर की ये स्थिति साफ दर्शाती है कि इस बार भी पानी चोरों पर जिम्मेदार कोई लगाम नहीं लगा पाए।

८० हजार की आबादी का जलस्रोत है चीलर बांध
अल्पवर्षा की वजह से इस बार फरवरी माह में ही जिला जल अभावग्रस्त घोषित किया जा चुका है। जिसके बाद जलस्रोतों से सिर्फ पेयजल के लिए सुरक्षित रखा गया था। बावजूद चीलर बांध से पानी की लगातार चोरी होती रही। स्थिति यह बन गई की चीलर बांध से पानी पूरी तरह खत्म हो गया, कुछ गड्ढो में जमा पानी ही शहरवासियों की जीवनदायिनी बना हुआ है। जिसे मोटरों की मदद से उलीचकर वाटर वक्र्स भेजा रहा है, यहां से शहर में जलप्रदाय किया जाता है।

इनका कहना
डेड स्टोरेज के लेवल से चार फीट नीचे तक पानी पहुंच चुका है, लेकिन जो पानी शेष है उससे बारिश तक आसानी से शहरवासियों को जलप्रदाय किया जा सकेगा।
– आरसी गुर्जर, प्रभारी एसडीओ, सिंचाई विभाग
अभी शहर में एक दिन छोडक़र जलप्रदाय किया जा रहा है। चीलर डैम में अभी इतना पानी है कि शहरवासियों को बारिश तक आसानी से जलप्रदाय हो सकता है। मोटरों की मदद से पानी को लिफ्ट कर वाटर वक्र्स पहुंचाया जा रहा है।
– अरुण गौड़, उपयंत्री, नगर पालिका-शाजापुर

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