गौरतलब है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप मोड (पीपीपी) के तहत प्रदेश के विभिन्न जिले में शासकीय अस्पतालों में सिटी स्कैन मशीन लगाने का काम किया जा रहा था। इसके लिए प्रदेश स्तर से सिद्र्धाथ सिटी स्कैन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को ठेका दिया गया था। अप्रैल 2021 में उक्त कंपनी द्वारा शाजापुर के ट्रामा सेंटर भवन में आधुनिक सिटी स्कैन मशीन लगाई जाने के लिए शुरुआत की गई थी। मशीन लगाने के पहले स्थान को व्यवस्थित कर सभी सुविधाएं जुटाने के लिए कंपनी की टैक्नीकल टीम के सदस्य शाजापुर पहुंचे और ट्रामा सेंटर में संचालित आरएमओ कार्यालय के कक्ष में सिटी स्कैन मशीन लगाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी थी। बताया गया था कि यहां पर पहले सिटी स्कैन मशीन के लिए यूनिट तैयार की जाएगी। इसके बाद मशीन लाकर यहां पर सिटी स्कैन का काम शुरू कर दिया जाएगा। अब 7 माह बाद हालत यह है कि न तो यूनिट तैयार हुई और न ही मशीन आई। जबकि कक्ष की हालत बिगड़ी हुई होने के कारण वो कक्ष अभी अनुपयोगी पड़ा हुआ है। अब कब मशीन आएगी और कब सिटी स्कैन शुरू होगा इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है।
ये मिलना था लाभ
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में जो सिटी स्कैन मशीन लगाई जाना थी उसका मूल्य करीब एक करोड़ 45 लाख रुपए है। यह मशीन सिटी स्कैन मशीन का अपग्रेड वर्जन होने की बात कही गई थी। वहीं आधुनिक मशीन के परिणाम भी अपेक्षाकृत और ज्यादा बेहतर होने का भी दावा किया गया था। इस मशीन के लगने के बाद दीनदयाल कार्डधारी लोगों को नि:शुल्क और शेष सभी लोगों को इसके लिए कंपनी द्वारा तय की गई दर से भुगतान करना होता। बताया गया था कि ये दर बाजार में हो रही सिटी स्कैन से कम रहेगी, लेकिन अब सब कुछ भविष्य के गर्त में हैं।
प्रायवेट कंपनी द्वारा ही किया जाना है संचालन
ट्रामा सेंटर में सिटी स्कैन मशीन के संचालन के लिए स्थान, बिजली, पानी सहित अन्य सुविधाएं अस्पताल प्रबंधन की ओर से दी जाने के बदले सिटी स्कैन मशीन का संचालन करने वाली निजी कंपनी द्वारा भुगतान किया जाना तय किया गया था। वहीं सिटी स्कैन करने के लिए स्टॉफ और चिकित्सक भी निजी कंपनी के ही रहते जो अलग-अलग शिफ्ट में 24 घंटे काम करते। जिससे हर समय जरूरत पडऩे पर संबंधितों को सिटी स्कैन की रिपोर्ट मिल जाती। हालांकि अब इसकी ओर किसी का भी ध्यान नहीं है।
इनका कहना है
जिला अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन लगाने वाली कंपनी से कई बार संपर्क किया, लेकिन वहां से कोई ठीक से जवाब नहीं मिल पा रहा है। कभी कहतें है कि मशीन नहीं आई तो कभी मशीन आने वाली है बताते हैं। हमने अस्पताल में जगह भी उपलब्ध करा दी। इसके बाद भी कंपनी द्वारा अभी तक मशीन नहीं लगाई गई।
– डॉ. बीएस मैना, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल-शाजापुर