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5 साल से अनदेखी का शिकार हो रहा ये कॉलेज, छात्र होते हैं परेशान

locationशाजापुरPublished: Jan 21, 2019 11:19:56 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

469 छात्र के कॉलेज में स्थायी ग्रंथपाल और 3691 वाले में 5 साल से खाली पड़ा है पद, नवीन कॉलेज में स्थायी ग्रंथपाल की नियुक्ति नहीं होने से आ रही परेशानी

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शाजापुर. जिले के लीड नवीन कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या 3691 है। इसके बाद भी यहां पर पिछले 5 साल से ग्रंथपाल का पद खाली पड़ा हुआ है। कॉलेज प्रबंधन ने यहां पर स्थायी ग्रंथपाल की नियुक्ति के लिए अनेक बार प्रयास किए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। जबकि जिले के ही एक अन्य कॉलेज जहां विद्यार्थियों की संख्या 469 है वहां पर स्थायी ग्रंथपाल की नियुक्ति की हुई है। ऐसे में नवीन कॉलेज प्रबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नवीन कॉलेज में पांच साल पहले स्थायी ग्रंथपाल के रूप में अनिल माथुर पदस्थ थे। करीब 5 साल पहले माथुर का कालापीपल के कॉलेज में स्थानांतरण हो जाने के बाद से ये पद खाली पड़ा हुआ है। ऐसे में जब कभी किताबों की जरूरत होती थी तो शुरूआत में ग्रंथपाल माथुर यहां पर आकर किताबें दे देते थे, लेकिन बाद में उन्होंने ये कार्य बंद कर दिया। साल दर साल जो किताबें यहां उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भेजी जाती है उन नई किताबों को लेकर यहां पर एक दूसरी लाइब्रेयरी बना दी गई। यहां पर अतिथि विद्वान को प्रभारी बनाकर काम चलाया जा रहा है। माथुर का स्थानांतरण कालापीपल के डिग्री कॉलेज में किया गया है। इस कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या 469 है, जबकि नवीन कॉलेज में वर्तमान छात्र संख्या 3 हजार 691 है। कालापीपल कॉलेज में नवीन कॉलेज की अपेक्षा कई गुना कम विद्यार्थी होने के बाद भी वहां पर स्थायीप्राचार्यकी नियुक्ति की हुई है, जबकि नवीन कॉलेज में ये पद आज भी रिक्त है।
पुराने गं्रथपाल समिति को चार्ज देने में आनाकानी
नवीन कॉलेज में ग्रंथपाल की नियुक्ति नहीं होने के कारण यहां पर प्राचार्य ने ग्रंथालय का चार्ज लेने के लिए एक समिति बनाई है। इस समिति में कॉलेज के प्राध्यापक और ग्रंथालय प्रभारी अतिथि विद्वान को भी शामिल किया गया है। इस समिति को चार्ज देने के लिए पूर्व ग्रंथपाल माथुर जो कि वर्तमान में जिले के कालापीपल के शासकीय कॉलेज में पदस्थ है। उन्हें नवीन कॉलेज से अनेक बार पत्र व्यवहार किया जा चुका है। इसके बाद भी माथुर चार्ज देने में लगातार आनाकानी कर रहे है। पूर्व में नवीन कॉलेज की ओर से चार्ज देने संबंधी भेजे गए पत्र को अप्राप्त बताया गया। इसके बाद जब दोबारा पत्र भेजा गया तो परीक्षा होने का हवाला दिया गया। परीक्षा भी खत्म हो जाने के बाद जब फिर से पत्र भेजा गया तो अब उक्त मामले में कालापीपल कॉलेज की ओर से एडी को पत्र भेजकर बताया गया कि कॉलेज में अभी एससी/एसटी के विद्यार्थियों को स्टेशनरी वितरण का कार्यचल रहा है। ऐसे में माथुर को यहां से नवीन कॉलेज भेजने के लिए मार्गदर्शन दिया जाए। हालांकि इस पत्र को लेकर भी नवीन कॉलेज ने एडी के पास जवाब भेजा है।
लाइब्रेरी पर लगा ताला, खराब हो रही किताबें
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रतिवर्ष प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों में किताबें पहुंचाई जाती है। जिन्हें कॉलेज के विद्यार्थियों को आवंटित किया जाता है। नवीन कॉलेज में भी बरसों तक लाइब्रेरी से विद्यार्थियों को किताबें दी जाती थी, लेकिन करीब 5 साल पहले यहां पदस्थ ग्रंथपाल का स्थानांतण हो जाने के बाद यहां पर किसी दूसरे ग्रंथपाल की पदस्थापना नहीं की गई है। इसके चलते यहां पर आज भी लाइब्रेरी के कक्ष पर ताला लगा हुआ है। ऐसे में लाइब्रेरी के अंदर पड़ी हुई लाखों रुपए की हजारों किताबें खराब हो रही है।
स्थायी ग्रंथपाल के लिए उच्च शिक्षा विभाग से लगातार मांग की गई है। वहीं पूर्व ग्रंथपाल से लाइब्रेरी का चार्ज लेने के लिए समिति बनाई गई है। साथ ही उन्हें लगातार पत्र भी भेजे गए है, लेकिन अभी तक पूर्व ग्रंथपाल यहां पर चार्ज देने के लिए नहीं आ रहे है। पुरानी लाइब्रेरी बंद होने से परेशानी हो रही है।
डॉ. एसके मेहता, प्रभारी प्राचार्य, नवीन कॉलेज-शाजापुर
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