चीलर बांध से जारी ये खेल, भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
शाजापुरPublished: Jan 20, 2019 11:45:57 pm
बिजली कंपनी ने काटे कनेक्शन, स्टार्टर व बिजली के तार जब्त किए , नगर पालिका और सिंचाई विभाग चीलर बांध से पानी चोरी पर लगाम लगाने का कर रहे प्रयास
शाजापुर. जिले में इस बार मानसून की बेरुखी के चलते 27 प्रतिशत बारिश कम हुई है। जिले की औसत बारिश 990.1 मिमी है, जबकि 719.8 मिमी बारिश ही हुई थी। टुकड़ों-टुकड़ों में हुई बारिश की वजह से पेयजल स्रोत जैसे डैम-तालाब लबालब पूर्ण नहीं भर सके तो नदियां भी सूखी रह गई। जिला मुख्यालय से ४ किमी दूर ग्राम सांपखेड़ा के पास बने चीलर बांध में इस बार १६ फीट पानी जमा हुआ था। जलउपयोगिता समिति की बैठक के बाद किसानों दोनों नहरों के माध्यम से एक बार पानी छोड़ा गया। करीब ४० किसानों को पानी दिए जाने के बाद डैम में मात्र ६ फीट पानी शहर में जलप्रदाय के बचा। ऐसे में चीलर डैम से आसपास के किसानों द्वारा लगातार पानी की चोरी की जा रही है। जिसके देखते हुए जिला प्रशासन ने पानी चोरी रोकने के लिए नगर पालिका, सिंचाई विभाग और बिजली कंपनी के दल बनाकर मॉनिटरिंग और पानी चोरी रोकने के आदेश दिए। बावजूद चीलर बांध से सैकड़ों मोटरें लगातार पानी चोरी हो रहा है।
गत दिनों कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने बिजली कंपनी को निर्देश जारी किए थे कि चीलर बांध से जिस क्षेत्र से पानी चोरी हो रहा है वहां के कनेक्शन काटे जाए। जिस पर बिजली कंपनी द्वारा कार्रवाई की गई और मोटर, स्र्टाटर जब्त करने के साथ ही बिजली के तारों को काटकर कनेक्शन बंद किए गए। बिजली एई ग्रामीण अंशुल तोमर ने बताया कि बिजली कंपनी द्वारा चीलर बांध क्षेत्र में भ्रमण कर ग्राम सेतखेड़ी क्षेत्र से पानी की मोटर स्र्टाटर जब्त किए हैं। इस दौरान बिजली तार भी काटकर कनेक्शन बंद किए हैं ताकि डैम से पानी चोरी नहीं हो सके। ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
नदी तालाबों में पानी सूखा, खनन पर प्रतिबंध
जिले में अल्पवर्षा के चलते कालीसिंध, लखुंदर, नेवज, पार्वती, चीलर जैसी नदियां जनवरी माह में ही सूखने लगी है। ऐसे में लोगों की पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही है। साथ ही भूमिगत जल स्तर भी लगातार गिरता जा रहा है। मौजूदा समय में औसत 42 मीटर भूजल स्तर है जो पिछले साल की तुलना में 6 से 8 मीटर अधिक है। भविष्य में गंभीर जलसंकट को देखते हुए कलेक्टर ने मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 198 6 की धारा 3 के तहत जिले को जलाभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर आदेश जारी किए। इसके तहत अशासकीय व निजी ट्यूबवेल खनन पर प्रतिबंध लगाया गया। यदि जन सामान्य द्वारा नलकूप खनन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाता है तो एसडीएम निराकरण करेंगे। हालांकि ट्यूबवेल खनन की अनुमति विशेष परिस्थिति को देखकर ही दी जाएगी लेकिन अधिक संख्या में खनन किसी भी हालात में नहीं होगा। बिना अनुमति खनन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कारर्वाई की जाएगी।
१३५ फीट नीचे पहुंचा जलस्तर
इधर जिले का जलस्तर घटने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। स्थिति यह है कि जनवरी माह से ही जलस्तर गिरना चिंता का विषय है। लगातार गिर रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने फिजुल पानी पर रोक लगा दी है। जनवरी माह में ही जलस्तर ४२ मीटर यानी १३५ फीट के नीचे पहुंच चुका है। जिससे आने वाले समय में जलस्तर और अधिक गिरने की आशंका है। बता दें कि पिछले साल गर्मी के दिनों जलस्तर ४५ मीटर के करीब पहुंच गया था। इस बार जनवरी में ४२ मीटर जलस्तर होने से प्रशासन भी पानी बचाने को लेकर सक्रिय है।
कलेक्टर साहब के निर्देश में चीलर डैम में अवैध कनेक्शन कर पानी चोरी करने वाले ग्रामीणों के बिजली कनेक्शन काटे गए है, मोटर स्र्टाटर, तार भी जब्त किए है।
अंशुल तोमर, एई बिजली कंपनी ग्रामीण