शाजापुर. विधानसभा चुनाव की बिछ चुकी बिसात में अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने बूथ लेवल योजना पर खासा जोर दिया है। पिछले विधानसभा में जिन पोलिंग बूथों पर बड़े अंतर से हार-जीत हुई थी वहां पर दोनों ही दलों ने अपनी अलग-अलग रणनीति बनाई है। इन बूथों को लेकर अब पार्टियां दावा कर रही है कि स्थिति सुधरी है और इस बार जीतेेंगे।
भाजपा की स्थिति : जिले में भाजपा ने बेहतर से कमजोर वाले बूथों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में चिह्नित कर उन्हें एक श्रेणी आगे लाने के लिए तैयारी की है। प्रत्येक बूथ पर मतदाता सूची के पन्ना प्रमुख तक बनाएं है। हालांकि आपसी गुटबाजी के कारण भाजपा की स्थिति बनती-बिगड़ती हुई दिख रही है।
कांग्रेस की स्थिति : जिले में पिछली बार तीनों विधानसभा सीटें गवाने के बाद कांग्रेस में अब बूथ प्लानिंग की कवायद शुरू की है। कांग्रेसी नेता उन बूथों पर संपर्क कर रहे हैं जहां पर कमजोर थी। तीनों विधानसभा में कांग्रेस में गुटबाजी भी चरम पर है, इससे कांग्रेस की स्थिति डगमगा सकती है।
इन समस्याओं का नहीं निकला हल
1. बेरोजगार : जिले में बेरोजगारी को खत्म करने के लिए उद्योग के प्रयास नहीं किए। इससे युवा रोजगार की तलाश में बाहर जाने को मजबूर है।
2. फसल का उचित दाम : प्रदेश से भावांतर, समृद्धि सहित अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद भी किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। इससे किसान सरकार से नाराज दिखाई दे रहे हैं।
3. स्वास्थ्य सुविधा : जिले में स्वास्थ्य सुविधा बहुत कमजोर है। बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरोंं का रुख सभी को करना पड़ता है।
बूथों पर हमारी मजबूत पकड़
पिछले विस चुनाव में हम जहां कमजोर थे वहां हमने तैयारी पक्की कर ली है। भाजपा का विकास और संगठन की तैयारी हमे फिर से विजयश्री दिलवाएगी।
– नरेंद्रसिंह बैस, जिलाध्यक्ष-भाजपा
भाजपा की स्थिति : जिले में भाजपा ने बेहतर से कमजोर वाले बूथों को ए, बी, सी और डी श्रेणी में चिह्नित कर उन्हें एक श्रेणी आगे लाने के लिए तैयारी की है। प्रत्येक बूथ पर मतदाता सूची के पन्ना प्रमुख तक बनाएं है। हालांकि आपसी गुटबाजी के कारण भाजपा की स्थिति बनती-बिगड़ती हुई दिख रही है।
कांग्रेस की स्थिति : जिले में पिछली बार तीनों विधानसभा सीटें गवाने के बाद कांग्रेस में अब बूथ प्लानिंग की कवायद शुरू की है। कांग्रेसी नेता उन बूथों पर संपर्क कर रहे हैं जहां पर कमजोर थी। तीनों विधानसभा में कांग्रेस में गुटबाजी भी चरम पर है, इससे कांग्रेस की स्थिति डगमगा सकती है।
इन समस्याओं का नहीं निकला हल
1. बेरोजगार : जिले में बेरोजगारी को खत्म करने के लिए उद्योग के प्रयास नहीं किए। इससे युवा रोजगार की तलाश में बाहर जाने को मजबूर है।
2. फसल का उचित दाम : प्रदेश से भावांतर, समृद्धि सहित अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद भी किसानों को फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। इससे किसान सरकार से नाराज दिखाई दे रहे हैं।
3. स्वास्थ्य सुविधा : जिले में स्वास्थ्य सुविधा बहुत कमजोर है। बेहतर इलाज के लिए बड़े शहरोंं का रुख सभी को करना पड़ता है।
बूथों पर हमारी मजबूत पकड़
पिछले विस चुनाव में हम जहां कमजोर थे वहां हमने तैयारी पक्की कर ली है। भाजपा का विकास और संगठन की तैयारी हमे फिर से विजयश्री दिलवाएगी।
– नरेंद्रसिंह बैस, जिलाध्यक्ष-भाजपा
हमने बूथों को किया मजबूत
भाजपा की जिले में विफलता ने कांग्रेस की सफलता का रास्ता खोल दिया है। हमने सभी बूथों पर कांग्रेस को मजबूत किया है। परिणाम हमारे पक्ष में है और हम चुनाव जितेंगे।
– रामवीरसिंह सिकरवार, जिलाध्यक्ष-कांग्रेस
भाजपा की जिले में विफलता ने कांग्रेस की सफलता का रास्ता खोल दिया है। हमने सभी बूथों पर कांग्रेस को मजबूत किया है। परिणाम हमारे पक्ष में है और हम चुनाव जितेंगे।
– रामवीरसिंह सिकरवार, जिलाध्यक्ष-कांग्रेस
भाजपा विकास से कांग्रेस मनभेद से कमजोर
जिले में जो उम्मीद भाजपा से भी उसके हिसाब से विकास नहीं किया। इससे लोगों की नाराजगी उसे नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं कांग्रेस में मतभेद की जगह मनभेद है। जो उसे कमजोर कर रहे है। यदि मनभेद खत्म हुआ तो कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सकती है।
– जीतसिंह गंभीर, वरिष्ठ साहित्यकार, शाजापुर
जिले में जो उम्मीद भाजपा से भी उसके हिसाब से विकास नहीं किया। इससे लोगों की नाराजगी उसे नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं कांग्रेस में मतभेद की जगह मनभेद है। जो उसे कमजोर कर रहे है। यदि मनभेद खत्म हुआ तो कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सकती है।
– जीतसिंह गंभीर, वरिष्ठ साहित्यकार, शाजापुर