scriptये सगे भाई बिना भेदभाव के लोगों को देते हैं नवजीवन | These relatives give new life to people without discrimination | Patrika News

ये सगे भाई बिना भेदभाव के लोगों को देते हैं नवजीवन

locationशाजापुरPublished: Jun 14, 2019 12:46:13 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

बेसहारा और गरीबों की मदद के लिए कई लोग मदद के हाथ आगे बढ़ाते हैं, लेकिन नि:स्वार्थ भाव और मानव सेवा के लिए बगैर किसी शुल्क के अपना खून देने वाले लोग कम ही मिलते हैं।

patrika

बेसहारा और गरीबों की मदद के लिए कई लोग मदद के हाथ आगे बढ़ाते हैं, लेकिन नि:स्वार्थ भाव और मानव सेवा के लिए बगैर किसी शुल्क के अपना खून देने वाले लोग कम ही मिलते हैं।

पीयूष भावसार. शाजापुर
बेसहारा और गरीबों की मदद के लिए कई लोग मदद के हाथ आगे बढ़ाते हैं, लेकिन नि:स्वार्थ भाव और मानव सेवा के लिए बगैर किसी शुल्क के अपना खून देने वाले लोग कम ही मिलते हैं। ऐसे ही शहर में रहने वाले दो सगे भाई हैं, जो कि 25 साल से हर किसी की मदद के लिए अपना खून देते हैं। जात-पात के भेदभाव से उपर उठकर ये राठौर बंधु हर वक्त रक्तदान के लिए तैयार रहते हैं। 25 साल में दोनों ने मिलकर करीब 250 लोगों का जीवन अपना खून देकर बचाया है।
हम बात कर रहे हैं शहर के ज्योतिनगर क्षेत्र में रहने वाले श्याम राठौर और ओम राठौर की। बस स्टैंड के समीप चाय की दुकान संचालित करने वाले ओम ने बताया कि पूर्व में उनकी यहां पर पान की गुमटी थी। 25 साल पहले एक बेहद गरीब परेशान व्यक्ति उनकी दुकान पर पहुंचा। जब दोनों भाइयों ने परेशानी का कारण पूछा तो उसने बताया कि उसे खून की जरूरत है। उसके परिजन जो कि अस्पताल में भर्ती थे उन्हें खून चढ़ाने के लिए डॉक्टर ने बदले में किसी रक्तदाता से रक्तदान करवाने की बात कही थी। एेसे में परेशान और बीमार उक्त व्यक्ति की मदद के लिए दोनों भाई एक साथ तैयार हुए और तत्काल अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया था। ओम ने बताया बस एक बार रक्तदान करने के बाद दोनों प्रण कर लिया कि वे जिसे भी जरूरत होगी रक्त करेंगे।
देररात को भी किया रक्तदान-दोनों भाइयों ने बताया कि वैसे तो वे प्रत्येक तीन माह बाद रक्तदान करते हैं। 25 सालों में कई बार ऐसी भी स्थिति बनी कि देर रात को भी कोई जरूरतमंद उनके पास पहुंचा तो उन्होंने समय की परवाह किए बगैर रक्तदान किया। जिला अस्पताल में भी दोनों के नंबर लिखे हैं। ऐसे में यदि किसी मरीज के पास रक्तदाता नहीं होता है तो अस्पताल से ही दोनों भाइयों को फोन कर बुलवा लिया जाता है। दोनों भाइयों का ब्लड ग्रुप ‘एÓ पॉजिटीव है।
अस्पताल में ब्लड बैंक में नियमित रूप से रक्तदान करने वाले अनेक रक्तदाता है। पिछले कई साल से श्याम राठौर और ओम राठौर यहां पर रक्तदान करने के लिए आते हैं। कई बार जरूरत पडऩे पर उन्हें फोन लगाकर भी बुलवा लिया जाता है। दोनों भाइयों ने रक्तदान करने वालों के लिए एक मिसाल पेश की है।
डॉ. एसडी जायसवाल, सिविल सर्जन, शाजापुर
संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत
शाजापुर. भोपाल निवासी एक युवक गुरुवार सुबह बेरछा में अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था। सूचना मिलने के बाद 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची और युवक को लेकर बेरछा अस्पताल गई। यहां पर चिकित्सक नहीं मिलने के कारण एंबुलेंस युवक को शाजापुर जिला अस्पताल लेकर आ गई। यहां पर डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद देर शाम युवक के परिजन भोपाल से शाजापुर पहुंचे।
मृतक के भाई सचिन ने बताया कि उसका भाई संजीव (40) पिता रमेश साथी सुरेंद्र निवासी भोपाल व अन्य के साथ बुधवार को भानपुरा दोराहे पर जाने का कहकर घर से निकला था। देर शाम तक जब घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने संजीव के मोबाइल पर संपर्क किया तो पता चला कि संजीव अपने साथी सुरेंद्र व अन्य के साथ शाजापुर आ गया है। उसने बताया कि अब वह गुरुवार को ही लौटेगा। गुरुवार सुबह भी जब संजीव घर नहीं पहुंचा तो उसके भाई ने उसके मोबाइल पर संपर्क किया तो वो बंद था। संजीव के साथियों के भी मोबाइल बंद आने पर परिजनों ने भोपाल में सुरेंद्र के घर पर फोन करके उसकी जानकारी लेना चाही। सुरेंद्र के घर से पत्नी ने बताया कि यह सभी लोग शाजापुर में हैं। इसके बाद सुबह 11 बजे सुरेंद्र की पत्नी ने संजीव के भाई को फोन करके सूचना दी कि वे शाजापुर अस्पताल चले जाए। इसके बाद सुरेंद्र की पत्नी का मोबाइल भी बंद हो गया। परिजन भोपाल में जब सुरेंद्र के घर पहुंचे तो वहां पर ताला लगा हुआ था। दोपहर के समय किसी ने संजीव के भाई को सूचना दी कि उनका भाई शाजापुर अस्पताल में है। परिजन शाजापुर अस्पताल पहुंचे तो पता लगा कि संजीव की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को पीएम होगा। कोतवाली के प्रभारी टीआई दीपेश व्यास ने बताया कि सुबह 108 एंबुलेंस संजीव को अचेत हालत में लेकर जिला अस्पताल आई थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संजीव के साथी सुरेंद्र व अन्य लोगों के मोबाइल बंद आ रहे हैं इसलिए स्पष्ट नहीं हो पाया कि संजीव की मौत कैसे हुई है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो