चीलर नदी में शहर भर से निकले करीब डेढ़ दर्जन छोटे-बड़े नालों से लगातार गंदगी मि रही है। इस कारण नदी की हालत पूरी तरह से खराब हो रही है। पूरी नदी में जलकुंभी फैली हुई है। नदी की दुर्दशा को देखते हुए पिछले कई साल से हर बार गर्मी के मौसम के समय नदी की सफाई के लिए कार्य किया जाता रहा, लेकिन इससे कोई लाभ कभी नहीं मिला। नदी की पूरी सफाई के लिए करीब दो साल पहले नगर पालिका ने प्रस्ताव तैयार किया। इसमें नदी के दोनों किनारों के घाटों के उद्धार, रिटर्निंग वॉल, किनारों पर बैठक व्यवस्था के लिए बैंच लगाई जाने व कुछ स्थानों पर पार्क भी बनाए जाने के लिए डीपीआर तैयार की और स्वीकृति के लिए प्रदेश स्तर पर भेजी गई। प्रदेश स्तर से डीपीआर स्वीकृत हो गई। नदी के उद्धार के लिए 7 करोड़ 40 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हो गई। राशि स्वीकृत होने के बाद नदी के उद्धार का कार्य होना था, लेकिन ये कार्य शुरू होते ही रुक गया। अब देखना होगा कि नदी का सौंदर्यीकरण का कार्य कब तक पूरा हो पाएगा।
रिटर्निंग वॉल बनाकर तय किया जा रहा नदी का दायरा
चीलर नदी पर शहर के बीच में महूपुरा रपट के दूसरी ओर रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाकर नदी का दायरा सिमित किया जा रहा है। अधिकारियों की माने तो नदी के दोनों ओर रिटर्निंग वॉल बनाकर यहां पर बैस तैयार किया जा रहा है। जिससे नदी का इस क्षेत्र में सौंदर्यीकरण किया जा सके। हालांकि दोनों ओर रिटर्निंग वॉल बनाने के कारण नदी का दायरा समिति दिखाई देने लगा है।
सीवरेज प्रोजेक्ट भी हुआ स्वीकृत
अधिकारियों के मुताबिक शहर की सीवरेज समस्या के निराकरण के लिए विश्व बैंक से वित्तपोषित प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसमें शहर भर के नालों को अंडरग्राउंड करके चीलर नदी में मिलने से रोका जाएगा। इस कार्य के शुरू होने के इंतजार में चीलर नदी के सौंदर्यीकरण का कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। अब संभावना जताईजा रही है कि अक्टूबर माह से सीवरेज प्रोजेक्ट और चीलर नदी का सौंदर्यीकरण का कार्य एक साथ शुरू होगा।
चीलर नदी के सौंदर्यीकरण के लिए 7 करोड़ 40 लाख रुपए का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है। इसका कार्य वर्तमान में महुपुरा रपट के दूसरी ओर चल रहा है। अक्टूबर माह से सिवरेज प्रोजेक्ट और चीलर नदी सौंदर्यीकरण का कार्यएक साथ चलेगा। जिससे नदी की दशा और दिशा बदल जाएगी।
भूपेंद्र कुमार दीक्षित, सीएमओ, नगर पालिका-शाजापुर