पेशवाई की तर्ज पर बैंड-बाजों से जुलूस निकला
किसी बड़ी पेशवाई की तर्ज पर किन्नरों ने शुक्रवार को शहर में बैंड-बाजों से जुलूस निकला। सबसे पहले दोपहर करीब 1 बजे देशभर से किन्नर महासम्मेलन में शामिल होने के लिए आए किन्नर तालाब की पाल स्थित मंगलमुखी परिवार के निवास के सामने पहुंचे। यहां पर मालवा क्षेत्र के कुल 11 कुनबों के नायक भी पहुंचे। इसमें शाजापुर से बदरू बाई, इंदौर से बहार बाई, इंदौर से सपना बाई, सेंधवा से अन्नूबाई, खंडवा से रेखा बाई, सनावद से शकुनबाई, रतलाम से रजनी बाई, सोनिया बाई देवास, रानी बाई उज्जैन, सलमा बाई बडऩगर और नर्मदा बाई महिदपुर से अपने कुनबे के साथ शामिल हुई है। इन कुनबों के अतिरिक्त देशभर से अलग-अलग कुनबों के किन्नर भी यहां पहुंचे। सभी ने यहां पर गंगा पूजन किया। इसके बाद मिट्टी और चांदी के कलश में पवित्र जल लेकर शहर में जुलूस निकाला गया। सुख-समृद्धि हो, आपसी भाईचारा बना रहे और लोग सुख-शांति से रहे इसके लिए ये आयोजन किया गया। तालाब की पाल शुरू होकर निकला जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल धोबी चौराहा के समीप पहुंचा।
बदरू बाई को फलों से तोला
किन्नर महासम्मेलन का आयोजन शाजापुर के कुनबे की नायब बदरू बाई के जीते जी किए जा रहे नुक्ता कार्यक्रम के तहत हो रहा है। ऐसे में शहरवासियों ने पूरे जुलूस मार्ग में किन्नरों के स्वागत के लिए कई स्वागत मंच बनाएं।सभी ने जुलूस पर पुष्पवर्षा करके स्वागत किया। इसी कड़ी में सोमवारिया बाजार में शाजापुर कुनबे की नायक बदरू बाईको फलों से तोला गया। यहां पर सभी कुनबों के नायक को प्रतिक चिन्ह भेंट करते हुए सम्मानित भी किया।
झलकियां
1. जुलूस में शामिल किन्नर सजधज कर आभूषण पहने हुए थे।
2. पूरे जुलूस मार्ग पर जुलूस देखने के लिए शहर में संभवत: पहली बार हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी।
3. जुलूस मेें शामिल किन्नरों के फोटो और विडियो लोग अपने मोबाइल से बनाते रहे।
4. कोई स्वयं तो कोई अपने बच्चों को किन्नरों से आशीर्वाद दिलवाने के प्रयास में लगा रहा।
5. किन्नरों ने जुलूस में बैंड पर बज रहे भक्ति और फिल्मी गीतों पर जमकर ठुमके लगाए।
6 . सोमवारिया बाजार में बने स्वागत मंच पर सम्मान के दौरान बैंड बंद करने से लोगों को निराशा भी हुई।
7. जुलूस देखने वालों में सभी धर्म के बच्चों से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल रही।
8 . जुलूस में कई लोग किन्नरों के साथ सेल्फी लेने के लिए पहुंचे, जिन्हें संभालने में पुलिस को खासी मशक्कत करना पड़ी।