सोनी ने बताया कि केवल पौधे उगाना ही इनका लक्ष्य नहीं है, बल्कि इनकी उचित देखभाल कर इन्हें पेड़ बनाना इनकी प्रमुख प्राथमिकता है। इस काम को इन्होंने अकेले ही शुरू किया था, लेकिन जब लोगों ने इनका पर्यावरण प्रेम देखा तो अन्य लोग भी इनसे प्रेरित हुए और साथी शिक्षकों के साथ अन्य लोग भी उनसे पौधे ले जाकर सुरक्षित स्थान पर रौंपते हैं। उन्होंने अन्य लोगों को भी अपने द्वारा तैयार पौधे वितरित करना शुरू किए जो अच्छी देखभाल के कारण लहलहा रहे हैं। सोनी ने अपने इस अनूठे अभियान की शुरूआत वर्ष 2006 से की थी और अब तक वे सैकड़ों पौधों का वितरण भी कर चुके है। वहीं इनकी छत पर भी विभिन्न प्रजातियों के पौधे लहलहा रहे हैं। पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के इच्छुक लोगों को वे इन पौधों का वितरण करते हैं।
सोनी के मुताबिक अब तक फलों के बीज से वे एक हजार से ज्यादा पौधे उगा चुके हैं। वहीं कुछ पौधे तो पेड़ बनने की स्थिति में भी आ चुके हैं। सोनी द्वारा तैयार किए गए पौधे शाजापुर सहित आसपास के जिलों में भी लगाए जाते हैं। देवास डीएड कॉलेज में उनके द्वारा लगाए गए पौधे लहलहा रहे हैं। शाजापुर में गिरासिया, नित्यानंद आश्रम, मुरादपुरा हनुमान मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थान और शिक्षक संस्थानों में सोनी द्वारा तैयार किए पौधे पेड़ बनने की स्थिति में हैं।