मकान निर्माण का कार्य कर रहा था
ग्राम सलसलाई निवासी राहुल (20) पिता मानसिंह नायक ग्राम खरसौदा निवासी धर्मेंद्र (30) पिता रामसिंह के घर पर मकान निर्माण का कार्य कर रहा था। रविवार रात को काम खत्म करने के बाद धर्मेंद्र बाइक पर राहुल को बैठाकर उसके गांव सलसलाई छोडऩे के लिए निकला। जब दोनों बुडलाय रोड पर शमशान घाट के समीप स्थित नाले की पुलिया के पास पहुंचे तो देखा लगातार बारिश के चलते नाला उफान पर आ गया और पुलिया से तेज से पानी बह रहा है। इसके बाद भी दोनों ने बाइक पर बैठकर नाले को पार करना शुरू कर दिया। जब इनकी बाइक बीच में पहुंची तभी तेज बहाव के कारण दोनों बाइक सहित बह गए। घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए। पुलिस और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। रात में ही सर्चिंग के दौरान राहुल का शव और बाइक पुलिया से कुछ दूरी पर मिल गई, लेकिन धर्मेंद्र नहीं मिला। काफी देर तलाशने के बाद भी जब धर्मेंद्र का पता नहीं चला तो रात ज्यादा होने के कारण सर्चिंग रोक दी गई। सोमवार सुबह दोबारा तलाश शुरू की गई। सुबह 9 बजे धर्मेंद्र का शव घटनास्थल से करीब 2 किमी दूर मालीखेड़ी के जंगल के पास झाडिय़ों में फंसा मिला। मामले में सलसलाई पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
उफनाते नदी और नालों को पार करने से बाज नहीं आ रहे लोग
अभी बारिश का आगाज ही हुआ है। पिछले दिनों लगातार हुई बारिश से क्षेत्र के आसपास नदी-नालों में उफान भी आ गया है। नदी और नालों के उफान आने के कारण कई स्थानों पर पुल-पुलियाओं पर पानी आने से मार्ग बंद हो जाता है। इसके बाद भी अनेक लोग जान को जोखिम में डालकर उफनते हुए नदी-नालों को पार करते हैं। पूर्व के वर्षों में पानी आने के बाद भी पुल/पुलियाएं पार करने के दौरान कई हादसे हो चुके हैं। इनसे भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। वर्तमान में भी जहां नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं उन्हें लोग पार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। फिर चाहे इसकी कीमत उन्हें जान देकर ही क्यों न चुकाना पड़े।
बाइक सवार दो युवक पानी में बह गए
उफनते हुए नाले को पार करने से एक दुर्घटना का मामला रविवार को ही सामने आ गया। जिले के सलसलाई थाना क्षेत्र के मुडलाय रोड स्थित शमशान के समीप बने नाले को पार करने के प्रयास में बाइक सवार दो युवक पानी में बह गए। दोनों के शव सोमवार को सुबह सर्चिंग के बाद मिले। ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है जबकि लोगों को जान माल का नुकसान हुआ है। पिछले वर्षों में ये स्थिति कई बार बारिश के मौसम के दौरान बन चुकी है। पुलिस और प्रशासन भी लोगों को नदी या नालों का पानी पुल/पुलियाओं पर आने से रोकता है। जगह-जगह पाइंट भी लगाए जाते हैं, जिससे कुछ स्थानों पर तो रोक लग जाती है, लेकिन अंचलों में हादसे हो जाते हैं।
सिहोदा के पास नाले में बह गया था ट्रैक्टर
तीन वर्ष पहले जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर ग्राम सिहोदा के पास से होकर गुजर रहे नाले में बारिश के दौरान खासा पानी आ गया था। ऐसे में नाले का पानी यहां पर बनी पुलिया से होकर गुजरने लगा। तेज बहाव से गुजर रहे पानी को देखने के बाद भी एक ट्रैक्टर चालक ने जिसमें दंपती भी सवार थे। ट्रैक्टर को नाले से निकालने का प्रयास किया, लेकिन तेज बहाव के कारण ट्रैक्टर नाले में बह गया था। इसमें सवार महिला की मौत हो गई थी, जबकि पुरुष ने जैसे-तैसे जान बचाई थी। सर्चिंग के बाद महिला का शव नाले से दूर झाडिय़ों में मिला था।
जादमी पुलिया पर बह चुके हैं कई चारपहिया
बारिश के कारण लखुंदर नदी में सबसे ज्यादा उफान आता है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी जादमी पुलिया पर होती है। यहां पर पुलिया की ऊंचाई कम होने के कारण इस पर जल्दी ही नदी का पानी आ जाता है। इसके बाद भी लोग इसे पार करते रहते हैं, जबकि यहां पर कई बार तो पानी का बहाव खासा तेज हो जाता है। पिछले 2-3 साल में यहां पर बारिश के मौसम में एक पिकअप वाहन, एक मैजिक, दो पहिया वाहन सहित साइकिल सवार और पैदल निकलने वाले लोग फिसल चुके हैं। कुछ की जान भी चली गई है। कई लोगों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। यहां पर तेज बहाव के दौरान पुलिस पाइंट लगाकर आवागमन रोका जाता है, लेकिन इसके बाद भी लोग अल सुबह या देर रात को उफनती नदी को पार करते हैं। जिससे ये लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं।