युवा शक्ति यदि निश्चय कर लें तो बदलाव आ सकता है। इस शक्ति का उपयोग हम पर्यावरण के सुधार में कर सकते हैं। यह बात कलेक्टर डॉ. वीरेंद्रसिंह रावत ने बुधवार को पॉलिटैक्निक कॉलेज में पर्यावरण सुधार और भूमिगत जल स्तर में वृद्धि के लिए चलाए जा रहे जल-शक्ति अभियान के क्रियान्वयन के लिए आयोजित हुए कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर जिला पंचायत सीइओ शिवानी वर्मा, एसडीएम यूएस मरावी, प्राचार्य संतोषकुमार पीपरा, अशासकीय संस्था अंकुर प्रगतिशील महिला की अध्यक्ष गायत्री विजयवर्गीय, सीमा शर्मा भी उपस्थित थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि युवा शक्ति अपनी ऊर्जा को पर्यावरण की सरंक्षण के लिए लगाएं। सभी युवा दृढ़ निश्चय करें कि वे एक-एक पौधा लगाएंगे और उसकी सुरक्षा भी करेंगे। धरती पर वृक्षों की संख्या कम होने से पर्यावरण निरंतर असंतुलित हो रहा है। इसकी वजह से धरती का तापमान बढ़ रहा है और भू-जल स्तर में कमी आ रही है। नदियों का पानी सूखते जा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो हमे भयावह जल संकट के दौर से गुजरना पड़ेगा। इससे बचने के लिए एक मात्र उपाय है कि अधिक से अधिक पौधे लगाए जायें और उनकी सुरक्षा कर उन्हें वृक्ष में तब्दील करें। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थी अपने खेतों की मेढ़ पर तथा शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थी किसी भी बगीचे या शासकीय भूमि पर पौधे लगाएं। साथ ही भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए वर्षा जल को सहेजने की भी उतनी ही अधिक आवश्यकता है। वर्षा जल सहेजने के लिए घरों का पानी धरती में उतारने के लिए रिचार्ज पीट बनाया जाना चाहिए।
परिवार के सदस्यों से भी लगवाएं एक-एक पौधा
कलेक्टर ने कहा कि युवा अध्ययन पर पूरा ध्यान दें। माता-पिता की खून पसीने की कमाई को व्यर्थ न जाने दें। जिला पंचायत सीइओ वर्मा ने भी सभी से वर्षा जल सहेजने के उपाय अपनाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी अपने परिवार के सभी सदस्यों से कम से कम एक-एक पौधे लगवाएं। साथ ही रसोई से निकलने वाले पानी का समुचित प्रबंधन करते हुए उसे पेड़ पौधों की ओर मोड़े। रसोई के पानी से चार-पांच वृक्ष जीवित रह सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन ओपी विजयवर्गीय ने करते हुए चाइल्ड लाइन 1098 के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उपस्थितजनों के प्रति कॉलेज के प्रचार्य पीपरा ने आभार व्यक्त किया।