मीडिया प्रभारी मंगल नाहर ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीजिनमणिप्रभ सूरीश्वरजी की आज्ञा से दादावाड़ी प्रेरिका जैनसाध्वी श्रीशशिप्रभाश्रीजी एवं सम्यकदर्शनाश्रीजी की प्रेरणा से साल 2014 में नगर की दादावाड़ी का जीर्णोद्धार हुआ था। इसकी पांचवी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 20 से 22 अप्रेल तक तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस अष्टापद महातीर्थ की भावयात्रा तथा दूसरे दिवस भगवान शांतिनाथ का महापूजन किया गया। वहीं मुख्य दिवस सोमवार सुबह 9 बजे जैन उपाश्रय से ध्वजारोहण का विशाल वरघोड़ा निकाला गया। जो नगर आजाद चौक, सोमवारिया बाजार, नागनागिनी रोड़, टॉकीज चौराहा, नईसडक़ एवं कसेरा बाजार होते हुए जैन आराधना भवन पहुंचकर धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हुआ। इस अवसर पर अतिथियों के रूप में उपस्थित प्रदेश के पूर्व मंत्री पारस जैन, समाजसेवी सुशील गिरिया, विनोद बरबोटा का बहुमान कार्यक्रम के लाभार्थी परिवार के सदस्यों ज्ञानचंद भंसाली, सपन भंसाली, सचिन भंसाली एवं समाज के अध्यक्ष लोकेंद्र नारेलिया ने किया। कार्यक्रम का संचालन अजीत जैन ने किया। इसके उपरांत 10:30 बजे दादा गुरुदेव की महापूजा प्रारंभ हुई। तत्पश्चात अपराह्न 12:39 बजे विजय मुहूर्त में लाभार्थी भंसाली परिवार के सदस्यों ने दादावाड़ी के शिखर पर धर्म ध्वजारोहण किया गया। इस दौरान समस्त कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।
भजन गायक की प्रस्तुतियों पर झूमे समाजजन
महोत्सव के मुख्य दिवस दिनभर आयोजित हुए धार्मिक आयोजनों के बाद शाम 7:30 बजे दादावाड़ी में रंगारंग गुरुभक्ति एवं महाआरती के साथ महोत्सव का समापन किया गया। जिसमें मुंबई से आए भजन गायक नरेंद्र सालेचा ने सुमधुर गुरुभजनों की प्रस्तुतियां देकर समाजजनों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर दादावाड़ी में विराजित पांचों दादागुरुदेव की प्रतिमाओं की नयनाभिराम अंगरचना भी समाजजनों ने की।