शहर के मध्य से निकले हाइवे से प्रतिदिन छोटे बड़े मिलाकर करीब 50 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते है। करीब दो दशक पहले जब शहर के बीच हाइवे सिंगल लेन ही था तब यहां पर लगातार हादसे हो रहे थे। इसके चलते पत्रिका ने जनता की आवाज बनते हुए बायपास निर्माण की मुहिम चलाई थी। इस मुहिम में हर वर्ग और समाज के लोगों ने जुड़ते हुए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर बायपास निर्माण की मांग उठाई थी। लगातार मांग के बाद सरकार ने बायपास को स्वीकृति दे दी थी। इसके बाद अब जबकि देवास-शिवपुरी फोरलेन का निर्माण कार्य जारी है इसी कार्य में शहर के बायपास का भी निर्माण हो रहा है। हालांकि बायपास निर्माण में सबसे बड़ी बाधा बन रही नेहरू स्मृति वन के समीप की बल्डी को निर्माण कंपनी ने काटकर उसके बीच से रास्ता बनाना शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा रही है आगामी कुछ माह में ये बायपास पूरा हो जाएगा और लोगों को इसका लाभ मिलने लगेगा।
11 किमी है बायपास
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-3 पर बनने वाले इस बायपास की कुल लंबाई करीब 11 किमी है। शहर में प्रवेश करने से पहले ग्राम मझानिया के समीप से बायपास का निर्माण कार्य हो रहा है। यहां से लेकर पूरे शहर को छोड़ते हुए उक्त बायपास का निर्माण ग्राम सनकोटा के समीप तक हो रहा है। इस पूरे मार्ग पर केवल दुपाड़ा रोड के समीप नेहरू स्मृति वन के पास स्थित बल्डी निर्माण कार्य में बाधा बन रही थी। इस बल्डी को खासी मशक्कत के बाद काटकर यहां भी मार्ग का निर्माण शुरू करवा दिया गया है। जिससे अब बायपास निर्माण में कोई बाधा नहीं दिखाई दे रही है।
इनका कहना है
पूरे फोरलेन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसीमें शाजापुर के बायपास का भी निर्माण कार्य हो रहा है। जल्द से जल्द कार्य पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे है।
– आरआर दांडे, एइ, एनएचएआइ