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ऐसी क्या परेशानी है जो महिलाओं को जाना पड़ रहा चार किमी दूर

locationशाजापुरPublished: May 08, 2018 11:58:09 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

जिला मुख्यालय के समीप ग्राम भालूखेड़ा में पानी की स्थायी व्यवस्था नहीं है।

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जिला मुख्यालय के समीप ग्राम भालूखेड़ा में पानी की स्थायी व्यवस्था नहीं है।

शाजापुर. जिला मुख्यालय के समीप ग्राम भालूखेड़ा में पानी की स्थायी व्यवस्था नहीं है। घर के कामकाज और मजदूरी छोड़ ग्रामीणों को चार किमी दूर तक पानी के लिए भटकना पड़ता है। कई बार सरंपच-सचिव से गुहार लगाई लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं हुई। गांव में तीन हैंडपंप हैं जो जलस्तर गिरने से सूख गए हैं। ग्रामीण अब प्रशासन की ओर आस भरी निगाह से देख रहे हैं कि कहीं पानी की व्यवस्था हो जाए। इसी को लेकर ग्राम की अनेक महिलाएं मंगलवार को कलेक्टोरेट पहुंची और गुहार लगाई। मेहंदीखेड़ा के लोग भी जनसुनवाई पहुंचे और पानी की कमी बात बताई। हालांकि जब तक ये महिलाएं जनसुनवाई में पहुंची थी कलेक्टर जनसुनवाई से चले गए थे, मौजूद अधिकारियों ने महिलाओं का आवेदन लिया और पानी की व्यवस्था कराने का भरोसा दिलाकर लौटा दिया।
भालूखेड़ा की महिलाओं ने बताया कि सरपंच और सचिव से कई बार पानी की समस्या को लेकर निवेदन किया, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हुई। ट्यूबवेल लगाने की बात कही तो कहते हैं कि पंचायत में पैसा तो है लेकिन बिना अनुमति के ट्यूबवेल नहीं लगा सकते। तुम मेरी शिकायत कर दो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। ये लोग पानी की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
महिलाओं ने बताया कि अभी गर्मी के दो माह हैं। यदि जल्द ही गांव में पानी की व्यवस्था नहीं की गई तो गांव में त्राहि-त्राहि मच जाएगी और हमारे मवेशी भी मर जाएंगे। महिलाओं ने बताया कि पानी की तलाश में हम लोग मजदूरी पर भी नहीं जा रहे हैं। जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था खेतों में लगी बोरिंग से पूरी करते हैं। वहां भी नहीं होता है तो २ किमी दूर पास के ग्राम दिल्लौद जाकर पानी लाते हैं। दिनभर का समय पानी की जुगत में ही बीत जाता है। महिलाओं ने मांग की है कि ग्राम पंचायत बापचा के सरपंच-सचिव को जल्द से जल्द गांव में ट्यूबवेल लगाने के लिए आदेशित किया जाए।
मेहंदीखेड़ा में भी छाया जलसंकट
मेहंदीखेड़ा के लोग भी जलसंकट से जूझ रहे हैं। यहां पानी के साथ बिजली संकट ने भी ग्रामीणों की नींद उड़ा रखी है। बुजुर्ग भगवानसिंह राजपूत सहित अन्य ग्रामीण जनसुनवाई पहुंचे। उन्होंने बताया गांव में हैंडपंप नहीं है और हमें पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। बुजुर्ग ने बताया गांव में 24 घंटे बिजली देने का वादा किया गया था। 24 घंटे में महज 4 घंटे मुश्किल से बिजली मिल पा रही है। ग्रामीणों ने मांग की है कि गांव में हैंडपंप लगाया जाए, ताकि जलसंकट से निजात मिले। बिजली आपूर्ति व्यवस्थित की जाए ताकि गर्मी में हम लोग चैन से सो सकें। उन्होंने यह भी बताया कि गांव में हम लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर शौचालय बना लिए हैं, लेकिन अधिकारियों के कहे अनुसार हमें राशि नहीं मिली है और हमें आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ रहा है।

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