ये कैसी विडंबना: किसान की संख्या तो बढ़ी पर उपज की आवक हुई कम
अंतिम दिन जिले के ४१ समर्थन मूल्य के खरीदी केंद्रों पर बड़ी संख्या में उपज बेचने पहुंचे किसान, देर शाम तक होती रही खरीदी

शाजापुर. समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का मंगलवार को समापन हो गया। इस बार गत वर्ष की अपेक्षा गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या तो ज्यादा रही, लेकिन गेहंू की आवक पिछली बार की अपेक्षा करीब 5 लाख क्विंटल कम रही। अंतिम दिन समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने के लिए बड़ी संख्या में किसान भी खरीदी केंद्रों पर पहुंचे।
जिले में इस बार 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का कार्य जिले के कुल 41 केंद्रों पर शुरू किया गया। इस वर्ष सरकार ने पंजीकृत किसानों से उनका गेहूं 1735 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदने के साथ ही 265 रुपए प्रति क्विंटल के मान से बोनस भी दिया। इस वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने के लिए जिले भर में करीब 34 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। अंतिम दिन 15 मई तक मिलाकर सभी खरीदी केंद्रों पर करीब 22 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी उपज का विक्रय किया। इस दौरान किसानों से लगभग 11 लाख 25 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई। जिले में बनाए गए सभी खरीदी केंद्रों पर मंगलवार को समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के अंतिम दिन बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। सुबह से ही खरीदी केंद्रों पर तुलाई का कार्यशुरू हो गया था जो कि देर शाम तक भी जारी रहा।
मौसम की मार से प्रभावित हुई फसल
इस बार समर्थन मूल्य पर छोटे किसान अपनी उपज लेकर ज्यादा संख्या में पहुंचे। इससे समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय करने वाले किसानों की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन गेहूं की खरीदी का आंकड़ा काफी कम रह गया।गेहूं के सीजन के दौरान बारिश कम होने और जलस्रोतों में पानी कम भराने से कई किसानों ने गेहूं की फसल ही नहीं बोई थी। जिन किसानों ने गेहूं की बोवनी की थी उसका रकबा कम रहा। इस कारण से समर्थन मूल्य पर गेहूं कम मात्रा में पहुंचा।
चना, मसूर और सरसों की खरीदी 30 तक
इस वर्ष समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू होने के बाद प्रदेश सरकार के निर्देश पर चना, मसूर और सरसों की खरीदी का कार्य भी जिले में खरीदी केंद्रों पर शुरू हुआ। ये समर्थन मूल्य की खरीदी का कार्य 30 मई तक जारी रहेगा। चना, मसूर ओर सरसों के लिए भी सरकार की ओर से समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस भी तय किया गया है।
1679 अधिक किसानों ने कराया पंजीयन
पिछले वर्ष से तुलना की जाए तो इस बार समर्थन मूल्य पर अपनी उपज विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हुआ।गत वर्ष जिले में समर्थन मूल्य पर कुल 20 हजार 321 किसानों ने अपनी उपज का विक्रय किया था। जबकि इस बार किसानों की संख्या पिछली बार से 1679 बढ़कर करीब 22 हजार तक पहुंच गई। हालांकि गत वर्ष की अपेक्षा गेहूं की आवक कम रही। पिछले साल समर्थन मूल्य पर करीब 16 लाख 41 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी हुईथी। जबकि इस वर्ष समर्थन मूल्य पर करीब 11 लाख 25 हजार क्विंटल की ही खरीदी हुई। ऐसे में इस वर्ष करीब 5 लाख 16 हजार क्विंटल गेहूं कम बिका। जबकि इस वर्ष प्रदेश सरकार की ओर से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का लक्ष्य 18 लाख क्विंटल का तय किया गया था।
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का कार्य मंगलवार शाम तक जारी रहा। खरीदे गए कुल गेहूं का आंकड़ा देर रात तक उपलब्ध हो सकेगा। चना, मसूर और सरसों की खरीदी 30 मई तक जारी रहेगी। गेहूं की खरीदी के अंतिम दिन सभी केंद्रों पर बड़ी संख्या में किसान गेहूं बेचने के लिए पहुंचे।
विवेक तिवारी, जिला विपणन संघ अधिकारी-शाजापुर
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