शाजापुर

आखिर क्यों हुई नगरपालिका के ड्रीम प्रोजेक्ट की यह हालत

स्वच्छ भारत अभियान में ग्रेडिंग पाने के लिए नगरपालिका ने ताबड़तोड़ व्यवस्था करके फटका मशीन, कचरे से खाद बनाने की मशीन लगाई और काम शुरू करवा दिया।

शाजापुरOct 05, 2018 / 01:05 am

Lalit Saxena

स्वच्छ भारत अभियान में ग्रेडिंग पाने के लिए नगरपालिका ने ताबड़तोड़ व्यवस्था करके फटका मशीन, कचरे से खाद बनाने की मशीन लगाई और काम शुरू करवा दिया।

शाजापुर. स्वच्छ भारत अभियान में ग्रेडिंग पाने के लिए नगरपालिका ने ताबड़तोड़ व्यवस्था करके फटका मशीन, कचरे से खाद बनाने की मशीन लगाई और काम शुरू करवा दिया। केंद्रीय स्तर से आई टीम के सदस्यों के निरीक्षण के बाद ये मशीनें बंद हो गईं जो आज भी बंद हैं। इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हालांकि अब टेंडर जारी होने एवं जल्द ही इसका कार्य शुरू होने की बात कही जा रही है।
नगरपालिका ने स्वच्छ शहरों की श्रेणी में शाजापुर को अव्वल बनाने के लिए सफाई अभियान चलाया, घर-घर कचरा संग्रहण वाहनों को चलाया, नगरपालिका में रिकार्ड को दुरुस्त करने सहित अन्य कार्य किए। इसके बाद केंद्रीय स्तर से आई टीम के सदस्यों ने व्यवस्था को देखा। इसी दौरान शहर के लालबाई-फुलबाई रोड पर स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड की स्थिति को सुधारने के लिए यहां पर टीम के आने के ठीक पहले ग्राउंड पर कचरे को अलग-अलग करने के लिए टब लगा दिए।
बेलिंग मशीन और फटका मशीन भी लगा दी। टीम के सामने नपा ने दिखाया कि यहां पर पॉलिथीन और अन्य कचरे को अलग किया जाता है। इसमें से कचरे से खाद बनाने का कार्य किया जा रहा है, वहीं फटका मशीन की मदद से पॉलिथीन की गोलियां बनाई जा रही है। टीम ने यहां की व्यवस्थाओं को देखा और संतुष्ट होने की बात कहते हुए यहां से रवाना हो गई। हालांकि बाद में स्वच्छता सर्वेक्षण की सूची में शाजापुर का नाम नहीं आया। टीम के निरीक्षण के बाद से ग्राउंड पर की गई सभी व्यवस्था बंद हो गई।
बंद पड़ी मशीनें खा रही धूल
जिन टबों में पॉलिथीन और अन्य कचरे को अलग-अलग करने का काम शुरू किया था वो काम बंद होने के कारण इनमें ही झाडिय़ां उग आई है। फटका और बेलिंग मशीन के हाल तो और भी ज्यादा खराब है। इन्हें लंबे समय से चालू ही नहीं किया गया है। ऐसे में यह भी कह पाना मुश्किल है कि ये मशीनें चलेंगी या नहीं।
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे से खाद बनाने के लिए एक दिन पहले ही टेंडर हो गए हैं। जल्द ही यहां पर नई मशीनों के माध्यम से कार्य शुरू हो जाएगा। कचरे से खाद को बनाया जाएगा। जो कचरा उपयोग में नहीं आएगा उसे शहर से दूर ग्राम भिलवाडिय़ा के समीप बनाए जा रहे ट्रेंचिंग ग्राउंड पर फेंक दिया जाएगा।
भूपेंद्रकुमार दीक्षित, सीएमओ

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