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पत्नी ने ही किया रिश्तों का खून

locationशाजापुरPublished: Jan 11, 2019 11:41:10 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

युवक की हत्या का राज खोलने में पुलिस को लगे पांच दिन, आरोपी पत्नी को किया गिरफ्तार

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शाजापुर. काशीनगर में रहने वाले अखिल भारीय बलाई महासभा युवा ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोनू उर्फ रमेशचंद्र सौराष्ट्रीय की मौत के बाद हत्या का मामला संज्ञान में आने पर पुलिस ने इसकी जांच शुरू की। मोनू की मौत के 5 दिन बाद पुलिस को मामले में खुलासा करने में सफलता मिल गई। पुलिस के किए खुलासे के अनुसार पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने पर मोनू की पत्नी ने उसके पेट में चाकू मार दिया था। इससे उसकी मौत हो गई।
लालघाटीस्थित सीसीटीएनएस कंट्रोल रूम में एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि 6 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली थी कि काशीनगर निवासी मोनू सौराष्ट्रीय की हत्या हुई है। इस मामले को लेकर बलाई समाज के पदाधिकारियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए आरोपियों का पता लगाकर जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग की थी।
हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी चौहान ने एएसपी गोपाल धाकड़, एसडीओपी पदमसिंह बघेल के मार्गदर्शन में उक्त घटना पर मर्ग कायम कर जांच शुरू करवाई। इसमें पता चला कि मोनू (45) पिता गंगाराम सौराष्ट्रीय आए दिन अपनी पत्नी मंजू सौराष्ट्रीय के साथ मारपीट करता रहता था। घटना दिनांक को भी मोनू ने अपनी के साथ मारपीट की थी। इस दौरान मोनू की पत्नी ने उसके पेट में चाकू मार दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्जकर मोनू की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
इस कारण से हुई थी मोनू की हत्या
एसपी चौहान ने बताया कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद पता लगा कि मोनू के पेट में धारदार हथियार से वार किया गया था। इसके चलते इंदौर में उसके तीन ऑपरेशन भी हुए, लेकिन उसकी मौत हो गई। एसपी के अनुसार मोनू पूर्व में प्रापर्टी का काम करता था, लेकिन बाद में प्रापर्टी का काम ठीक नहीं चलने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। इस कारण से शराब पीने एवं नशा करने लग गया।
उसने अपनी पत्नी को प्रधानमंत्री आवास योजना में मिले मकान का पैसा भी निकाकर खर्च कर दिया था। इस कारण दोनों पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने लग गया। इससे परेशान होकर उसकी पत्नी ने पेट में चाकू मार दिया। साथ ही घटना में प्रयुक्त खटकेदार चाकू भी बरामद कर जब्त कर लिया है।
सीन री-क्रिएशन करने से मिली सफलता
एसपी ने बताया कि घायल मोनू के जिला अस्पताल की चौकी में पदस्थ स्टॉफ की लापरवाही के कारण बयान दर्ज नहीं किए जा सके। इस मामले में संबंधितों पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। वहीं मोनू की मृत्यु के बाद उसकी बुआ ने हत्या होने की जानकारी देते हुए उसकी पत्नी पर आरोप लगाया था। ऐसे में मामले में पूछताछ के बाद भी जब कोई सफलता नहीं मिल पाई तो इस मामले में 31 दिसंबर की रात को हुए घटनाक्रम का सीन री-क्रिएशन किया गया। इसके बाद हत्या के मामले का खुलासा हो पाया। घटना की जांच एवं आरोपियों को गिरफ्तार करने में निरीक्षक कन्हैयालाल दांगी, उपनिरीक्षक दीपेश व्यास, रविता चौधरी, नरेंद्र कुशवाह, महिला आरक्षक ज्योति और सुनैना का महत्वपूर्ण योगदान रहा। एसपी ने इस पूरी टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
विवाद सुलझाने पहुंची थी डायल-100
एसपी ने बताया कि 31 दिसंबर की रात को मोनू अपनी पत्नी और बेटे के साथ मारपीट कर रहा था। इसकी सूचना मिलने पर डायल-100 मौके पर पहुंची थी। यहां पर डायल-100 के स्टॉफ ने दोनों को समझाइश देकर मामला खत्म करवा दिया था। इसके बाद देर रात दोबारा विवाद हुआ और उसमें मोनू की पत्नी ने उसे चाकू मार दिया।

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