नवीन कॉलेज के परिसर में कबड्डी प्रतियोगिता के लिए एक दिन पहले ही समस्त तैयारियां कर ली गई थी। इसके बाद गुरुवार सुबह 11 बजे से यहां पर प्रतियोगिता की शुरुआत की गई। शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नगर अध्यक्ष शीतल भावसार उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रूप में कॉलेज की जनभागीदारी समिति के सदस्य उपस्थित रहे। अध्यक्षता नवीन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसके मेहता ने की। इस प्रतियोगिता में शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास और उज्जैन की टीमों ने भाग लिया। निर्णायक के रूप में विनय चौधरी, अर्जुन पाटीदार, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उमेश देथलिया आदि उपस्थित रहे। अंत में विजेता उज्जैन और उपविजेता रतलाम को ट्रॉफी नवीन कॉलेज की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. परीक्षा वागले ने दी।
इस तरह हुए मुकाबले
प्रतियोगिता के अंतर्गत सबसे पहला मुकाबला नीमच और देवास की टीम के बीच हुआ। इसमें नीमच ने 24 और देवास ने 13 पाइंट हासिल किए। इस मुकाबले में नीमच की टीम विजेता रही। दूसरा मुकाबला रतलाम और मंदसौर के बीच हुआ। इस कांटे के मुकाबले में रतलाम ने 36 पाइंट हासिल किए वहीं मंदसौर को 33 पाइंट मिले। इस मुकाबले में रतलाम की टीम विजेता रही। तीसरा मैच शाजापुर और आगर के बीच हुआ। इस एकतरफा मुकाबले में शाजापुर ने 48 पांइट हासिल किए। आगर की टीम 11 पाइंट ही ले पाई। इसमें शाजापुर की टीम विजेता रही।
उज्जैन की टीम ने खेला सीधा सेमीफायनल
गत वर्ष की विजेता उज्जैन को फायदा मिला और नियमानुसार उसे सीधे सेमीफाइनल में इंट्री मिल गई। पहला सेमीफाइनल का मुकाबला उज्जैन और नीमच के बीच हुआ। इसमें उज्जैन की टीम ने 43 और नीमच ने 22 पाइंट हासिल किए। यहां से उज्जैन की टीम ने फाइनल में प्रवेश किया। दूसरा सेमीफाइनल रतलाम और शाजापुर के बीच हुआ। इसमें रतलाम की टीम ने 46 और शाजापुर की टीम ने 20 पाइंट हासिल किए। फाइनल मुकाबला उज्जैन और रतलाम के बीच हुआ। इसमें उज्जैन की टीम ने 37 पाइंट और रतलाम की टीम को 12 पाइंट मिले। इस मुकाबले में उज्जैन की टीम विजेता रही।
फाइनल के पहले रोकनी पड़ी प्रतियोगिता
रतलाम और शाजापुर के बीच सेमीफाइनल मुकाबला पूरा होने के बाद शाजापुर के खिलाडिय़ों को पता लगा कि रतलाम की टीम के एक खिलाड़ी के आइकार्ड पर क्रीड़ा अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे। जबकि इसकी फोटो कॉपी पर क्रीड़ा अधिकारी के हस्ताक्षर थे। इस बात को लेकर शाजापुर के खिलाडिय़ों ने विरोध जताया। ऐसे में फाइनल मुकाबले के पहले प्रतियोगिता को रोकना पड़ा। खिलाडिय़ों के विरोध के बाद नवीन कॉलेज के क्रीड़ा अधिकारी केके तिवारी ने रतलाम कॉलेज के प्राचार्य को फोन लगाकर इस बारें में चर्चा की। इस पर रतलाम कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि उक्त खिलाड़ी उनकी ही टीम का है। उसके मूल आइकार्ड पर प्राचार्य की सील और हस्ताक्षर है। किसी कारणवश क्रीड़ा अधिकारी के हस्ताक्षर मूल कार्ड पर नहीं हो पाए है। प्राचार्य की जानकारी के बाद मामले को खत्म किया गया और प्रतियोगिता को दोबारा शुरू किया गया।