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इस बैंक की मदद से समाजजनों ने छुई सफलता की बुलंदी

locationशाजापुरPublished: Jun 26, 2019 12:21:41 am

Submitted by:

rishi jaiswal

आका मौला का फरमान है- व्यापार करो, समाजजनों को कारोबार करने के लिए करजन हसना बैंक बिना ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाता है बैंक

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शाजापुर. धर्मगुरु सैयदना साहब पहली बार शहर आए हैं। सुबह से लेकर देर रात तक समाज के लोग आका मौला के दीदार और खिदमत में लगे हुए हैं। समाज के पूर्वधर्मगुरुओं ने फरमान जारी किया था कि समाज की उन्नति व्यापार से है नौकरी से नहीं। यही वजह है कि समाज के ९० फीसदी लोग अपना व्यवसाय करते हैं। कहीं डब्बे की दुकान तो कहीं हार्डवेयर की दुकान। छोटा हो या बड़ा सभी लोग व्यापार पर ही ध्यान देते हैं। व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सालों से समाज में करजन हसना बैंक संचालित की जाती है, जो समाज के लोगों को बिना ब्याज पर राशि मुहैया कराती है। जिससे छोटा व्यापारी अपने कारोबर को शिखर तक ले जाता है।
करजन हसना बैंक की समिति हर जगह बनी हुई, जिसमें अनेक खाताधारक हैं। खास बात यह हैकि इस बैंक में ब्याज लेना और देना दोनों ही मना है। शहर में समाजजनों के व्यापार को बढ़ावा मिले इसके लिए शहर आए सैयदना साहब ने १ करोड़ २१ लाख रुपए की घोषणा की है। जिसका फायदा बोहरा समाज के व्यापार पर होगा और समाज उन्नति करेगा।
शहर में 200 घर और 150 दुकानें
समाज के मीडिया प्रभारी सैफुद्दीन लॉजवाला ने बताया कि शाजापुर में कुल बोहरा समाज के कुल १२०० लोग निवास करते हैं। समाज के २०० से अधिक घर है, जबकि शहर में १५० से अधिक दुकानें हैं। आका मौला के फरमार के अनुसार समाजजन व्यवसाय करना ही पसंद करते हैं। कुछेक लोग ही नौकरी करते हैं। इनमें भी ज्यादातर लोग विदेशों में नौकरी करते हैं। शाजापुर शहर से करीब ६० के लगभग युवा विदेशों में कर रहे हैं।
नौकरी से बेहतर मानते हैं स्वयं का व्यापार
अनुशासन और संगठित समाज की बात आती है तो सबसे पहले बोहरा समाज का नाम आता है। इस समाज में प्रत्येक आयोजन में सभी समाजजन एक जैसी ड्रेस पहनते हैं और एक ही स्थान पर भोजन ग्रहण करते हैं। इसी तरह इस समाज के अनेक कार्य ऐसे हैं अन्य धर्मों से अलग है। जो समाज को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। मीडिया प्रभारी सैफुद्दीन लॉजवाला ने बताया कि आका मौला का फरमान है कि नबी के बताए तरीकों पर चलो। जिसमें उन्होंने कहा तिजारत (व्यापार) करों, जो कमाई का सबसे अच्छा तरीका है।
विदेश से खिदमत करने आए 50 लोग
बोहरा समाज नौकरी करने वालों में सबसे अधिक संख्या विदेशों में है। शहर से भी अनेक युवा विदेशों में नौकरी कर रहे हैं। धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के शाजापुर आगमन पर विदेश में काम कर रहे अली असगर कपडावाला (दुबई), तैयब कपड़ावाला (दुबई), हुनैद लश्करी (बेहरन), हुसैन पेटीवाला (शारजाह), कुतुबुद्दीन साइकिल वाला (शारजाह), तैयब अली खां (कुवैत), मुस्तफा किराना वाला (दुबई), फखरूद्दीन कालीसिंधवाला (दुबई), हुजैफा लाइट वाला (बेहरन), हातिम भाई मक्सीवाला (कुवैत), जोएब रस्सीवाला (शारजाह), मोहम्मद दामोहवाला (शारजाह), मुर्तजा बेगवाला (दुबई), अम्मार इकबाल (दुबई), बुरहानुद्दीन काकड़ीवाला (शारजाह), सैफुद्दीन सुंदरसी वाला (दुबई) सहित विदेश में काम करने वाले ५० बोहरा समाज के लोग खिदमत के लिए शाजापुर आए हैं।
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