scriptइस अस्पताल में फिल्म के बजाए कागज पर निकाले जा रहे हैं एक्स-रे | X-ray is being removed on paper instead of film in this hospital | Patrika News

इस अस्पताल में फिल्म के बजाए कागज पर निकाले जा रहे हैं एक्स-रे

locationशाजापुरPublished: Jul 11, 2019 12:53:54 am

Submitted by:

Ashish Sikarwar

एक्स-रे का नाम सामने आते ही काली पारदर्शी फिल्म पर शरीर के आंतरिक अंगों की स्थिति वाली तस्वीर सामने आती है

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एक्स-रे का नाम सामने आते ही काली पारदर्शी फिल्म पर शरीर के आंतरिक अंगों की स्थिति वाली तस्वीर सामने आती है

शाजापुर. एक्स-रे का नाम सामने आते ही काली पारदर्शी फिल्म पर शरीर के आंतरिक अंगों की स्थिति वाली तस्वीर सामने आती है, लेकिन जब आप शाजापुर के जिला अस्पताल से मरीजों के निकाले जा रहे एक्स-रे पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि यहां तो एक्स-रे के मायने ही बदल दिए गए हैं। यहां पर सादे कागज पर प्रिंटर से पिं्रट करके एक्स-रे निकाला जा रहा है।
इस कागज को देखकर डॉक्टर भी उपचार दे देते हैं। ऐसा नहीं है कि जिला अस्पताल के जिम्मेदारों ने इस संबंध में वरिष्ठ स्तर पर जानकारी नहीं दी। 4 साल से जानकारी देने के बाद भी अस्पताल को हर बार बजट का अभाव बताते हुए ऊंट के मुंह में जीरा बराबर एक्स-रे फिल्म उपलब्ध कराई जाती है।
इसका उपयोग केवल एमएलसी या जरूरी केस में ही हो पाता है। आम मरीजों को तो कागज पर निकाली प्रिंट के हिसाब से ही उपचार कराना पड़ता है।
जिला मुख्यालय पर स्थित जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीमराव आंबेडकर जिला चिकित्सालय में एक्स-रे की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। दिनभर में यहां पहुंचने वाले 50-60 मरीजों को एक्स-रे की जरूरत पड़ती है। एक्स-रे करने के लिए बकायदा रेडियोलॉजिस्ट भी है। जो सभी मरीजों के एक्स-रे भी करते है, लेकिन जब एक्स-रे फिल्म की बात आती है तो सभी को सादे कागज पर प्रिंट किए हुए एक्स-रे थमाए जाते हैं। फिल्म की जगह सादे कागज पर निकलने वाले एक्स-रे से कई बार डॉक्टर भी धोखा जाते हैं और मरीजों को बेहतर उपचार नहीं दे पाते। जिला अस्पताल के डॉक्टर भी यह बात मानते हैं कि एक्स-रे फिल्म पर ही बेहतर होते हैं, सादे कागज पर एक्स-रे प्रिंट निकालने से माइनर फ्रेक्चर नजर नहीं आता है, जिससे मरीजों के साथ उन्हें भी उपचार देने में समस्या आती है। इससे लंबे समय पर मरीज को सही उपचार नहीं मिल पाता है। करीब 4 साल पहले जिला अस्पताल में एक्स-रे फिल्म खत्म हुई थी, तब कुछ दिनों के लिए प्रिंटर से कागज पर एक्स-रे निकालना शुरू किए थे, महज व्यवस्था अस्थाई तौर पर की गई थी, लेकिन इसके बाद से ही बजट का अभाव लगातार बना रहा और आज तक जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को कागजों पर एक्स-रे प्रिंट निकालकर दी जा रही है।
जरूरी होने पर सीधे कम्प्यूटर पर देखते डॉक्टर
जिला अस्पताल में वैसे तो कागज पर एक्स-रे निकालने का दौर चल रहा है। इसके हिसाब से ही डॉक्टर भी उपचार करते है, लेकिन जब कोई केस ज्यादा ही जटिल होता है और सादे कागज पर प्रिंट कराए गए एक्स-रे में स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तो डॉक्टरों को एक्स-रे रूम में पहुंचकर कम्प्यूटर पर ही एक्स-रे देखना पड़ता है।
हर बार होता है बजट की कमी का रोना
जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट सत्येंद्रकुमार धनोतिया के मुताबिक हर साल १५ हजार फिल्म की मांग रहती है, लेकिन शासन की ओर से मात्र १५०० उपलब्ध कराई जाती है। हर बार शासन की ओर से बजट का अभाव बताया जाता है। पिछले चार साल से पर्याप्त फिल्म उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इससे मरीजों को उपचार के लिए प्रिंटर से कागजों पर एक्स-रे निकाले जाते हैं।
कागजों पर एक्स-रे निकालना टेम्परेरी व्यवस्था है, लेकिन लगातार इसी पर एक्स-रे निकालने से उपचार देने में परेशानी होती है। बड़े फ्रैक्चर तो नजर आ जाते हैं, लेकिन बारीक का पता नहीं चलता है। इससे मरीज को सही उपचार नहीं मिल पाता।
डॉ. एनके गुप्ता, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल-शाजापुर
हड्डी के फ्रैक्चर देखने के लिए फिल्म पर ही एक्स-रे होते हैं। कागज पर प्रिंट निकालकर बड़े फ्रैक्चर देखे जा सकते हैं। सादे कागज पर एक्स-रे प्रिंट से कई बार परेशानी आती है। माइनर फ्रैक्चर नजर नहीं आते, जिससे हड्डी का सही पता नहीं लगता। ऐसे में मरीज को ट्रीटमेंट देने में परेशानी आती है।
संजय खंडेलवाल, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल-शाजापुर
बजट के अभाव में एक्स-रे फिल्म नहीं आ रही थी। इससे सादे कागज पर प्रिंट निकालकर मरीजों को दी जाती है। एमएलसी केस के लिए ही फिल्म का उपयोग किया जाता है। जरूरी केस में ही फिल्म का उपयोग होता है। जिला अस्पताल में फ्यूरी की जापानी एक्स-रे मशीन है, लेकिन फिल्म की कमी से उसका उपयोग नहीं हो पाता। यदि किसी डॉक्टर को जरूरत पड़े तो एक्स-रे को मोबाइल पर भी लेकर भी देख सकते है।
सत्येंद्रकुमार धनोतिया, रेडियोलॉजिस्ट, जिला अस्पताल-शाजापुर

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