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पद्मावत के बाद अब पृथ्वीराज चौहान पर छिड़ी बहस, ठाकुर नहीं इस समाज के लोगों ने आंदोलन की दी चेतावनी-देखें वीडियो

locationशामलीPublished: Jan 13, 2019 03:23:03 pm

Submitted by:

Nitin Sharma

पृथ्वीराज के पीछे नहीं लगाया ये टाइटल तो नहीं एक जुट होकर करेंगे ये काम

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पद्मावत के बाद अब पृथ्वीराज चौहान पर छिड़ी बहस, ठाकुर नहीं इस समाज के लोगों ने आंदोलन की दी चेतावनी-देखें वीडियो

रविंद्र कुमार

शामली।देशभर में विवादों में रही पद्मावत फिल्म के बाद अब आने वाली अगली फिल्म पृथ्वीराज चौहान भी विवादों के घेरे में आती दिखाई दे रही है।इसकी वजह यूपी के शामली में गुर्जर समाज द्वारा इस फिल्म के रिलीज होने को लेकर बड़ी चेतावनी देना है।दरअसल शामली में गुर्जर समाज के लोगों ने पृथ्वीराज चौहान पर अपना हक होने का दावा किया है।उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर फिल्म पृथ्वीराज चौहान रिलीज होती है तो वह इसका कड़ा विरोध करेंगे और फिल्म को चलने नहीं देंगे।

पृथ्वीराज ठाकुर नहीं गुर्जर समाज के

देशभर में पलायन प्रकरण को लेकर चर्चाओं में रहे जनपद शामली के चर्चित कस्बा कैराना से एक बार फिर आने वाली फिल्म पृथ्वीराज चौहान के विरोध में गुर्जरों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। फिल्म पृथ्वीराज चौहान को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। कैराना में गुजर समाज के लोगों ने कहा कि फ़िल्म पृथ्वीराज चौहान में उन्हें राजपूत योद्धा दिखाया जा रहा है। जबकि अपने दस कितानों में पृथ्वीराज को गुर्जर लिखा गया है। इसी विरोध को लेकर रविवार को कैराना की प्रसिद्ध चौपाल कलसयान पर अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के लोगों ने मीटिंग की। जिसमें दिल्ली से आए प्रोफेसर डॉक्टर जितेश ने दावा किया कि करीब पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर लिखा गया है। उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज चौहान को फिल्मों में गुज्जर दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज चौहान में उन्हें राजपूतों का युद्ध दिखाया गया है, जबकि वह गुर्जर समाज के योद्धा थे।

 

फिल्म में किया जाये यह बदलाव

उन्होंने कहा अगर पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर नहीं लिखा गया तो वह इस फिल्म का कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने दावा किया है कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर जाति से थे।उनका राजवंश अग्निकुंड के आधार पर विदेशी आकांक्षाओं से लड़ने के लिए कांसेप्ट अपनाया था। जिसमें चारों राजवंश एकजुट होकर लड़ें थे। पृथ्वीराज विजय, कृति कॉमबी, तिलक मंजी थे। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान मांग कि पृथ्वीराज चौहान को गुर्जर योद्धा के रूप में दिखाया जाए और तत्कालीन लिटरेचर और राइटर्स भी उन्हें गुर्जर सिद्ध किया है। चाहे हार्ले हो या फिर जेम्सन हो।

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