लोकसभा 2014 के चुनाव के दौरान क्षेत्र के ग्राम रामडा में आपसी गुटबाजी ने खूनी रूप ले लिया था, जिसमें दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच हुई फायरिंग में मोहम्मद नईम नामक किशोर की गोली लगने से मौत हो गई थी। मामले में कोतवाली पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। उधर, ग्राम भूरा में भी सर्वाधिक गुटबाजी मानी जाती है। यहां लोकसभा-2018 के उपुचनाव में मतदान में लगे कर्मचारियां के साथ मारपीट कर दी गई थी, जिसमें एक कर्मचारी का सिर फोड़ दिया गया था। सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ और फायरिंग भी हुई थी। हालांकि, भारी फोर्स ने मौके पर पहुंचकर समय रहते हालातों पर काबू पा लिया था। इनके अलावा अन्य चुनावों में भी इन दोनों गांवां में खूनी संघर्ष की घटनाएं सामने आती रही है।
इसी को मद्देनजर रखते हुए लोकसभा-2019 चुनाव में प्रशासन ने पहले ही पूरा खाका तैयार लिया है। प्रशासन ने जहां संवेदनशील गांवों को सूचिबद्ध किया है। वहीं अतिसंवेदनशीलता की श्रेणी में दो गांवों रामडा और भूरा को चिन्हित किया गया है। एसडीएम डा. अमित पाल शर्मा ने बताया कि उक्त दोनों गांवों में खुफिया विभाग द्वारा शरारती तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है। जिसके बाद उन पर अपराधिक रिकॉर्ड पर नजर डालकर जिला बदर या फिर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि चुनाव के दिन इन दोनों गांवों में दिल्ली से स्पेशल कमांडो के जवानों की तैनाती रहेगी। साथ ही, शांतिपूर्ण मतदान के लिए शरारती तत्वों को नजरबंद किया जाएगा। एसडीएम का कहना है कि खुराफातियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।