शामली

यूपी: लॉक डाउन में गरीबों का राशन डकारने वाले काेटेदार पर रिपाेर्ट दर्ज, हाे सकती है 7 साल की जेल

Highlights

शामली जिले के बाबरी गांव की घटना
कोटेदार ने गरीबों काे नहीं बाटा राशन
शिकायत पर हुई जांच में हुआ खुलासा

शामलीApr 06, 2020 / 02:50 pm

shivmani tyagi

शामली। कोरोना वायरस (Corona virus) के चलते लॉक डाउन (corona lockdown) में सरकार से गरीबों के लिए आए राशन काे गरीबों में ना बांटकर ब्लैक में बेच दिए जाने की घटना सामने आई है। मामला शामली जिले के बाबरी गांव का है। ग्राम प्रधान की शिकायत पर जब इस गांव के कोटेदार का स्टॉक चेक किया ताे इस गाेलमाल का खुलासा हुआ।
लॉक डाउन में जब लाेग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं। गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए अलग-अलग संस्थाएं सामने आ रही हैं ताे ऐसे में बाबरी के इस कोटेदार ने जाे किया वह मानवीयता विराेधी भी है। फिलहाल बाबरी थाना पुलिस ने जांच दल की ओर से आई तहरीर के आधार पर आराेपी काेटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानिए पूरा मामला

बाबरी गांव के गांव ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी काे शिकायत की थी कि गांव में एक काेटेदार ने गरीबों काे राशन नहीं बांटा। इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने जिलापूर्ति अधिकारी काे जांच के निर्देश दिए। इन निर्देशों के अनुलापन में जिला पूर्ति अधिकारी की ओर से पूर्ति निरीक्षक संजय कुमार की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी गई। इस जांच कमेटी ने जब कोटेदार के स्टॉक की जांच की ताे पता चला कि, कोटेदार नेत्रपाल काे 60 कुंतल गेहूं और 40 कुंतल चावल वितरण के लिए आवंटित हुआ था। जब स्टॉक और वितरण रजिस्टर का मिलान किया गया ताे पता चला कि, गांव के 160 राशन कार्डों व राशन दिया नहीं गया और गरीबों के इस राशन काे ब्लैक में बेच दिया गया।
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संकट की इस घड़ी में जब लॉक डाउन की वजह से लाेगाें के राेजगार बंद हैं ऐसे में गरीबों का राशन डकारना बड़ा अपराध है। इस आधार पर जांच टीम के मुखिया संजय कुमार ने बाबरी थाने में तहरीर देते हुए बताया कि कोटेदार नेत्रपाल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम का उल्लंघन करने के साथ-साथ घाैटाला किया है और गरीब परिवारों का हक छीना है। इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने आराेपी राशऩ डीलर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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