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14 दिन दूर दीपावली, जिले में नहीं खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कैसे होगी मिलावट की जांच

locationश्योपुरPublished: Oct 13, 2019 11:42:53 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– स्वास्थ्य विभाग ने अभियान चलाने तैयार नहीं किया प्लान- अब अगर अभियान चलाया भी जाता है तो दीपावली बाद आएगी रिपोर्ट, तब तक हजम हो जाएंगी मिठाईयां

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14 दिन दूर दीपावली, जिले में नहीं खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कैसे होगी मिलावट की जांच

श्योपुर
जिले में दीपावली से पहले दूध, मावे और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ विशेष जांच अभियान चलाने का प्लान स्वास्थ्य विभाग तैयार नहीं कर सका है। जबकि दीपावली सिर्फ 14 दिन दूर है। अगर विभाग अभियान भी चलाता है, तो लिए जाने वाले सैंपल की रिपोर्ट दो माह बाद आएगी। ऐसे में बाजार में त्यौहार पर मिलने वाली मिठाई लोग हजम भी कर चुके होंगे। दरअसल स्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी के न होने से मिलावट की जांच का अभियान शुरू नहीं हो सका है। स्वास्थ्य विभाग जुगाड़ के खाद्य सुरक्षा अधिकारी के भरोसे चल रहा है।
जिले में पिछले दो माह से खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद खाली पड़ा हुआ हैं। हालांकि ग्वालियर में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को यहां की अतिरिक्तजिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन ग्वालियर में लगातार चल रही कार्रवाई के चलते शर्मा यहां समय नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में इस बार जिले में दीवाली पर बिकने वाली मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों की जांच नहीं हो पाएगी और लोगों को मिलावटी सामग्री ही खाने को मिलेगी। बता दें कि सरकार ने त्यौहार को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच के लिए निर्देश जारी किए हैं, लेकिन जिले में जांच अभियान को लेकर अब तक कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही है।
दीपावली में इनकी होती है ज्यादा बिक्री
खासकर दीपावली के त्यौहार पर दूध और मावे से बनी मिठाइयों के अलावा तेल, घी और मसालों की बिक्री ज्यादा होती है। ऐसे में विभाग की ओर से मिठाइयों की सैंपलिंग कर उनकी गुणवत्ता जांच करना चाहिए, लेकिन विभाग सुस्त है। ऐसे में सरकार की ओर से लोगों को शुद्ध खाद्य सामग्री मिले, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जांच रिपोर्ट देखने के लिए ऑनलाइन सिस्टम नहीं
मिलावटी खाद्य सामग्री की जांच और इसकी रिपोर्ट देखने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के पास मिलावटी खाद्य सामग्री का डाटा भी नहीं है, जिससे मिलावटी खाद्य सामग्री को आसानी से जाना जा सके। प्रदेश के कई जिले में खाद्य सामग्री में मिलावट के केस सामने आने की बात कहकर खाद्य एवं औषधीय प्रशासन अलर्ट हो गया है।
मिलावट का हम पर क्या प्रभाव पड़ता है
लोग अलग-अलग वैरायटी की मिठाई को देखकर खरीद लेते हैं, लेकिन शुद्धता की पहचान नहीं करते। मिलावटी मिठाई बेचने से दुकानदार की तो चांदी हो जाती है, लेकिन लोगों को यह फर्क नहीं मालूम है कि वे किस तरह से नकली व असली मिठाई की पहचान करें। बहरहाल, जिले की दुकानों में पहुंचकर अधिकारी छापामार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
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