script16 गौशाला, क्षमता 1600 गौवंश रखने की, 14900 रहेगा सडक़ पर | 16 cowshed, capacity to hold 1600 cows, 14900 will be on the road | Patrika News

16 गौशाला, क्षमता 1600 गौवंश रखने की, 14900 रहेगा सडक़ पर

locationश्योपुरPublished: Dec 14, 2019 11:36:52 am

Submitted by:

Anoop Bhargava

– जिले 16 गौशाला बना जा रही हैं, जिनमें 100-100 गौवंश रहेगा- जिले में कुल गौवंश 16 हजार 500 है

16 गौशाला, क्षमता 1600 गौवंश रखने की, 14900 रहेगा सडक़ पर

16 गौशाला, क्षमता 1600 गौवंश रखने की, 14900 रहेगा सडक़ पर

श्योपुर
जिले में 16 ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण चल रहा है। इनमें से दो बनकर तैयार हो गई हैं। गौशालाओं में गौवंश रखने की क्षमता 100-100 है। यानि गौशाला बनने के बाद इनमें महज 1600 गौवंश रह सकेगा। जबकि जिले में 16 हजार 500 निराश्रित गौवंश सडक़ पर घूम रहा है। ऐसे में इन गौशालाओं के बनने के बाद भी 14 हजार 900 गौवंश सडक़ों पर ही घूमेगा। गौशाला बनने के बाद भी आवारा गौवंश की समस्या खत्म नहीं होगी। अभी बरगवां और नागदा में गौशाला बनकर तैयार हैं। इनमें 200 आवारा गौवंश पहुंच जाएगा, लेकिन 14 गौशाला का निर्माण अभी चल रहा है।

पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक का कहना है कि दूसरे फेज में नई गौशाला बनाने का टारगेट मिलेगा। जिसमें बचा हुआ गौवंश रखा जाएगा। फिलहाल 14 गौशाला का निर्माण कार्य पूरा करने की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। करीब 10 गौशाला लगभग तैयार हो चुकी हैं। फिलवक्त निराश्रित गौवंश की सडक़ और खेतों में आवारा तरीके से घूमने की समस्या इन गौशालाओं के बनने के बाद भी खत्म होती नजर नहीं आ रही है।जिले में आवारा गौवंश की समस्या सालों पुरानी है। आवारा गौवंश के कारणग्रामीण क्षेत्रों में जहां किसान फसल की रखवाली को लेकर चितिंत है। वहीं शहर में लोगों को आए दिन हादसे का डर सताता रहता है।
सडक़ पर घूम रहा आवारा गौवंश
शहर की सडक़ों पर हर दिन निराश्रित गौवंश घूमता मिल जाएगा। बावजूद इसके नगर पालिका इनको पकडकऱ गौशाला तक नहीं पहुंचा पा रही है। इसके पीछे का कारण यह भी है कि नगर पालिका के पास अपनी कोई गौशाला नहीं है। समाजसेवी संस्थाओं की गौशालाओं में अगर नगर पालिका आवारा गौवंश को पहुंचाती भी है, तो वहां इन गौवंशों को रखा नहीं जाता। ऐसे में आवारा गौवंश सडक़ पर आ जाता है।
कलेक्टर की हिदायत का भी नहीं असर
नवागत कलेक्टर प्रतिभा पाल ने शहर भ्रमण के दौरान जब निराश्रित गौवंश को सडक़ों पर आवारा तरीके से विचरण करते देखा तो उन्होंने नगर पालिका को निर्देश दिए थे कि इन्हें पकडकऱ गौशाला में पहुंचाएं। लेकिन एक दिन अभियान चलने के बाद दूसरे दिन अभियान नहीं चलाया गया। आवारा गौवंश सडक़ पर बैठकर लोगों की परेशानी खड़ा कर रहा है। इनके कारण हादसे भी हो रहे हैं।
किसानों को फसल की करना पड़ती है रखवाली
ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को फसल की गायों से रखवाली के लिए रातभर जागना पड़ता है। किसान पूरी रात जागते हुए फसलों की रखवाली करते हैं, तब जाकर फसल प्राप्त कर पाते हैं। गौशालाओं का निर्माण होने से किसानों को आवारा मवेशियों की समस्या से छुटकारा पाने की आस जगी थी लेकिन 16 गौशालाओं में महज 1600 गौवंश रखने की व्यवस्था के चलते उनकी यह आस अधूरी नजर आ रही है।
फैक्ट फाइल
16500 जिले में कुल निराश्रित गौवंश
16 जिले में बन रही गौशाला
100-100 गौवंश रखने की क्षमता गौशालाओं में
14900 गौवंश गौशाला बनने के बाद भी सडक़ पर रहेगा
दूसरे फेज में मिलेगा और टारगेट
अभी जिले में 16 गौशाला बनाने का टारगेट है। इनमें से दो तैयार हो चुकी हैं। शेष 14 का काम अंतिम चरण में है। जो गौवंश बचेगा उसके लिए दूसरे फेज में गौशाला बनाने का टारगेट मिलेगा।
डॉ.एलएन आयरवाल
उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, श्योपुर

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