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आठ साल में नाले में बहा दिए जनता के दो करोड़!

locationश्योपुरPublished: Jan 16, 2018 03:07:13 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

शहर के पाली रोड और शिवपुरी रोड पर बड़ा नाला बनाने में एमपीआरडीसी और नपा ने खर्चे करोड़ों, फिर भी अनुपयोगी पड़ा नाला

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श्योपुर । जनता के पैसों का दुरुपयोग प्रशासनिक मशीनरी द्वारा किस प्रकार किया जाता है, इसकी बानगी है शहर के शिवपुरी रोड और पाली रोड पर बना नाला। जिसमें बीते आठ साल में एमपीआरडीसी और नपा प्रशासन ने लगभग दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर दिए, लेकिन नाला आज भी अनुपयोगी पड़ा है। अब तो नाले की स्थिति यह है कि कहीं गंदगी से अटा पड़ा है तो कहीं अतिक्रमण की चपेट में है।


मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण ने शिवपुरी-श्योपुर-पाली हाईवे का निर्माण कराया था, इसी के तहत तत्कालीन कलेक्टर ने हाईवे निर्माण के अंतर्गत ही शहर में दोनों सड़कों पर नाला निर्माण कराने के निर्देश दिए। यही वजह है कि एमपीआरडीसी ने वर्ष 2009-10 में लगभग 56 लाख रुपए की राशि से शहर के शिवपुरी रोड और पाली रोड पर आधे अधूरे नाले का निर्माण कराया। जिसके बाद पिछली नगरपालिका परिषद ने मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के तहत नाले के काम को भी शामिल किया गया। यही वजह है कि वर्ष2013 में वर्कऑर्डर होने के बाद भी नाले के ये काम गत वर्ष तक जारी रहे। बताया गया है कि मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत नहर से सफेद चबूतरा तक नाले की ऊंचाई बढ़ाने के लिए 42 लाख 92 हजार, नहर से सफेद चबूतरा तक नाले के ढंकान पर 77 लाख रुपए और फिर प्रियल होटल से सफेद चबूतरा तक शेष नाला निर्माण पर 40 लाख रुपए खर्चे गए। इस प्रकार एमपीआरडीसी और नपा प्रशासन ने नाले में दो करोड़ रुपए से अधिक लगा दिए, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पाता।


अब ये है नाले के हाल
शहर के पाली रोड और शिवपुरी रोड पर नाले वर्तमान में न केवल अनुपयोगी हैं बल्कि बदहाल स्थिति हैं। पाली रोड पर जहां कॉलेज और चंबल कॉलोनी साइड की स्थिति में नाला जगह-जगह गंदगी से अटा पड़ा है तो कई जगह क्षतिग्रस्त है और कहीं अतिक्रमण कर गुमटियां लगी हैं। वहीं गांधीनगर व गोशाला साइड के नाले की बात करें तो इस ओर नाला कहीं कहीं ही दिखाई देता है। क्योंकि दुकानदारों ने नाले के ऊपर अतिक्रमण कर चबूतरे और सीढिय़ां बना ली है। वहीं दूसरी ओर शिवपुरी रोड के नाले पर भी सड़क के दोनों ओर यही स्थिति है। कहीं नाले में पॉलीथिन का कचरा भरा है तो कहीं अतिक्रमण का शिकार है।


सलापुरा नहर का नाला भी अनपुयोगी
जहां एक ओर शहर के नाले अनुपयोगी है, वहीं सलापुरा नहर से सीप नदी तक बनाया गया लगभग 6 6 लाख का नाला भी अनपुयोगी पड़ा है। हालांकि कछुआ गति से बना ये नाला भी कई जगह क्षतिग्रस्त है तो कई जगह अतिक्रमण की चपेट में है।

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