बरसात होने से पहले कराहल कृषि उपज मंडी के सचिव शिवप्रताप सिंह सिकरवार मंडी पहुंचे। व्यापारी और किसानों ने मंडी में व्याप्त समस्याओं से सचिव को अवगता कराया। व्यापारी और किसान अपनी बात रख रहे थे तभी सचिव से कहासुनी होने लगी। इसी बीच मंडी सचिव सिकरवार महज 10 मिनट भी मंडी में नहीं रूके और चले गए। मौसम खराब होने पर व्यापारियों द्वारा किसानों की उपज नहंी खरीदने को लेकर विवाद की स्थिति भी बनी थी।
कराहल मंडी में दो साल पहले 50 लाख की टीनशैड की स्वीकृति हो गई। ठेकदार को वर्क आर्डर भी मिल गया। बावजूद इसके टीनशेड लगाने का कार्य नहीं हो सका। मंडी प्रशासन की इस लापरवाही से दो साल पहले भी व्यापारी और किसान की करीब एक करोड़ रुपए की फसल भीगीं थी। जिसमें 50 लाख का नुकसान हुआ था।
तत्कालीन राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक एवं मंडी सहआयुक्त फैज अहमद किदवई ने 10 माह पहले कराहल कृषि उपज उपमंडी का निरीक्षण कर मंडी के चबूतरों पर टीनशेड का कार्य करने के निर्देश दिए थे। साथ ही वर्क ऑर्डर होने के बाद भी टीनशेड का निर्माण नहीं करने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद भी मंडी में अव्यस्थाएं हैं। इस मामले की व्यापारी और किसानों ने भी शिकायत दर्ज कराई थी।
कृषि उपज उप मंडी में व्यापारी और किसानों को होने वाली असुविधा और टीनशेड का निर्माण अब तक न हो पाने को लेकर मंडी सचिव से बात करना हूं। वस्तुस्थिति जानने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। व्यापारी और किसानों की समस्या का हल किया जाएगा।
रूपेश उपाध्याय
मंडी प्रशासक, श्योपुर