बताया गया है कि वर्ष1997 में सहसराम हाइस्कूल के अपग्रेड होकर हायरसैकंडरी बनने के दौरान यहां एक निजी स्कूल के 24 शिक्षकों और कर्मचारियों को नियमविरुद्ध तरीके से लगा लिया। लेकिन लंबी न्यायालयीन प्रक्रिया के बाद इन्हें अपात्र पाया गया। यही वजह है कि हाइकोर्टके आदेश केबाद मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव के आदेश से सभी 24 लोगों को पद से पृथक कर दिया। बताया गया है कि जिन 24 लोगों को टर्मिनेट किया गया है, इनमें से पूर्व में 7 शिक्षकों ने मुरैना जिले में तबादला करा लिया, जबकि एक ने भोपाल और शेष श्योपुर जिले में ही विभिन्न स्थानों पर पदस्थ रहे है
ँ जिन शिक्षकों को पद से पृथक किया गया है, उनमें निशा शर्मा,जयप्रकाश शर्मा, हरिओम शर्मा, विनोद कुमार राजौरिया, रामनरेश शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, सतीश कुमार शर्मा शैलेन्द्र सिंह जादौन, ममता तिवारी, ओमप्रकाश शर्मा, सरोज कुमार शर्मा, अरुण कुमार शर्मा, नेतराम शर्मा, रविन्द्र नाथ शर्मा, श्यामविहारी दण्डौतिया, पवन कुमार शर्मा, मुकेश छावरी, रामबाबू शर्मा, राजेश कुमार शर्मा, विनोद कुमार शर्मा, मनोज कुमार दण्डौतिया के साथ ही ग्रंथपाल श्रीधर शर्मा और भृत्य देवकीनंदन शर्मा व जानकीलाल धाकड़ शामिल हैं।
ये है स्कूल का पूरा मामला
बताया गया है कि वर्ष1994 में शासन ने सहसराम के मिडिल स्कूल को अपग्रेड कर शासकीय हाइस्कूल किया था। इस दौरान स्कूल में 13 पद पहले और 6 पद बाद में स्वीकृत किए गए, जिन पर तत्समय विभागीय आदेश पर गांव के ही एक निजी स्कूल महर्षि रामसुमिरन दास उ.मा.विद्यालय के शिक्षकों का संविलियन कर लिया गया। बताया गया है कि इसके बाद जब वर्ष1997 में हाइस्कूल को अपग्रेड कर हायरसैकंडरी बनाया गया तो इसमें नियमविरुद्ध तरीके से इसी निजी स्कूल के 24 शिक्षक और कर्मचारी और लगा लिए गए, जबकि शासन से नए पद सृजित ही नहीं हुए। यही वजह है कि इन शिक्षकों को न्यायालय ने भी अपात्र माना और गत वर्ष दिसंबर माह में हटाने के आदेश दिए। जिसके परिपालन में स्कूली शिक्षा विभाग ने टर्मिनेशन का ये आदेश जारी किया है।
बताया गया है कि वर्ष1994 में शासन ने सहसराम के मिडिल स्कूल को अपग्रेड कर शासकीय हाइस्कूल किया था। इस दौरान स्कूल में 13 पद पहले और 6 पद बाद में स्वीकृत किए गए, जिन पर तत्समय विभागीय आदेश पर गांव के ही एक निजी स्कूल महर्षि रामसुमिरन दास उ.मा.विद्यालय के शिक्षकों का संविलियन कर लिया गया। बताया गया है कि इसके बाद जब वर्ष1997 में हाइस्कूल को अपग्रेड कर हायरसैकंडरी बनाया गया तो इसमें नियमविरुद्ध तरीके से इसी निजी स्कूल के 24 शिक्षक और कर्मचारी और लगा लिए गए, जबकि शासन से नए पद सृजित ही नहीं हुए। यही वजह है कि इन शिक्षकों को न्यायालय ने भी अपात्र माना और गत वर्ष दिसंबर माह में हटाने के आदेश दिए। जिसके परिपालन में स्कूली शिक्षा विभाग ने टर्मिनेशन का ये आदेश जारी किया है।
हाइकोर्ट के आदेश के परिपालन में हुए टर्मिनेट
हाइकोर्टके निर्णय के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग ने 24 शिक्षक कर्मचारियों का ये टर्मिनेशन का आदेश जारी किया है। हालांकि अब ये लोग फिर से हाइकोर्टगए हैं, लेकिन अभी स्टे नहीं मिला है।
अजय कटियार
जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर
हाइकोर्टके निर्णय के परिपालन में स्कूल शिक्षा विभाग ने 24 शिक्षक कर्मचारियों का ये टर्मिनेशन का आदेश जारी किया है। हालांकि अब ये लोग फिर से हाइकोर्टगए हैं, लेकिन अभी स्टे नहीं मिला है।
अजय कटियार
जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर