नामांकन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथपत्र में अपनी शैक्षणिक योग्यता का भी उल्लेख किया है। जिसके मुताबिक कुल 133 उम्मीदवारों में 23 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पूरी तरह निरक्षर हैं, जबकि 28 केवल साक्षर हैं। यही नहीं महज 25 उम्मीदवार ऐसे हैं जो कॉलेज की शिक्षा प्राप्त किए हुए हैं। अन्यथा कुल 133 उम्मीदवारों में से 57 उम्मीदवार कक्षा 1 से कक्षा 12वीं के बीच शिक्षा ग्रहण करने वाले हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि सरकारी नौकरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए ही 8वीं-10वीं न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मांगी जाती है तो फिर जनप्रतिनिधियों के लिए ऐसे मापदंड क्यों नहीं होते।
13 उम्मीदवार ग्रेज्युएट, 11 पोस्ट ग्रेज्युएट
शहर के 23 वार्डों में कुल उम्मीदवारों में से कक्षा 3 तक पढ़ा उम्मीदवार 1, कक्षा 4 तक 1, 5वीं तक 6, 8वीं तक 15, 9वीं तक 3, 10वीं तक 12, 11वीं तक 2, 12वीं तक 17 उम्मीदवार हैं। वहीं 13 उम्मीदवार स्नातक (ग्रेज्युएट), 11 स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेज्युएट) और एक बीएड उपाधि धारक उम्मीदवार है।
व्यवस्थाओं को समझने शिक्षा जरूरी
हालांकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता से चुनी जाने वाली संस्थाओं में चुनाव लडऩे के लिए शैक्षणिक योग्यता पर पाबंदी नहीं है, लेकिन व्यवस्थाओं को समझने के लिए शिक्षा जरूरी है। शहर के मतदाताओं का कहना है कि किसी भी संस्था में जनप्रतिनिधि शिक्षित हो तो कामकाज आसान होता है। यदि जनप्रतिनिधि शिक्षित होगा तो जनता की बात सही ढंग से रख पाएगा, अन्यथा बड़े नेताओं की कठपुतलियां बनना तय है।
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शहर में पार्षद पद के उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता
शिक्षा ——————कुल
निरक्षर—————–23
साक्षर—————-28
कक्षा 3 —————01
कक्षा 4 ————– 01
5वीं—————— 06
8वीं —————– 15
9वीं —————–03
10वीं—————–12
11वीं——————02
12वीं —————– 17
स्नातक—————13
स्नातकोत्तर————11
बीएड —————–01
नोट-ये आंकड़े उम्मीदवारों द्वारा अपने शपथपत्र में दी गई जानकारी के आधार पर हैं।