मालवा क्षेत्र के जिलों में हो रही भारी बारिश और चंबल नदी के सबसे बड़े बांध गांधीसागर के कैचमेंट एरिया में पानी की लगातार आवक के मद्देनजर इस सीजन में पहली बार रविवार को गांधीसागर के गेट खोले गए। हालांकि सुबह के समय तीन छोटे गेट खोलकर 94 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, लेकिन शाम 7.30 बजे तक 14 गेट खोलकर 3 लाख 27 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा था। यही वजह है कि रविवार को कोटा बैराज से भी चंबल में पानी छोड़े जाने की रफ्तार बढ़ी है। कोटा बैराज से सुबह 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, लेकिन शाम 7.30 बजे इसे बढ़ाकर 59 हजार क्यूसेक कर दिया। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सोमवार को जिले की सीमा में चंबल नदी में इसका असर देखने को मिलेगा। यही वजह है कि चंबल में बाढ़ की संभावना को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया।
मालवा क्षेत्र में हो रही बारिश से जिले की सीमा में बह रही पार्वती नदी में रविवार की सुबह फिर उफान आ गया। यही वजह है कि सुबह 8 बजे ही खातौली पुल डूबने से श्योपुर-कोटा मार्ग बंद हो गया, जबकि दोपहर में सूरथाग कुहांजापुर पुल भी डूब गया, जिससे श्योपुर-बारां मार्ग भी बंद हो गया। जिससे राजस्थान के हाड़ौती से श्योपुर जिले का संपर्क टूट गया। रविवार शाम 5 बजे की स्थिति में पार्वती नदी के उफान में डूबे खातौली पुल पर 12 फीट और सूरथाग पुल पर 3 फीट पानी चल रहा था।
जिले में 24 घंटे में 17.3 मिमी बारिश
प्रदेश के कई इलाकों में जहां भारी बारिश हो रही है, वहीं श्योपुर जिले में येलो अलर्ट के बावजूद रविवार को रिमझिम बारिश ही हुई। जिले में 24 घंटे में 17.3 मिमी बारिश दर्ज की गई। हालांकि दिनभर में कई बार बारिश का सिस्टम बना, लेकिन थोड़ी देर ही बारिश हुई, वहीं बीच में धूप भी निकली। भू अभिलेख विभाग के मुताबिक 30 अगस्त की सुबह 8 बजे तक जिले में 521.5 मिमी बारिश हो गई, जबकि गत वर्ष 736.7 मिमी बारिश हो चुकी थी।