scriptश्योपुर में किराए के कमरों में चल रही 328 आंगनबाड़ी | 328 Anganwadi running in rooms rented in Sheopur | Patrika News

श्योपुर में किराए के कमरों में चल रही 328 आंगनबाड़ी

locationश्योपुरPublished: Mar 08, 2019 08:48:05 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

श्योपुर में किराए के कमरों में चल रही 328 आंगनबाड़ीजिले में 328 आंगनबाडिय़ों के पास नहीं सरकारी भवन, जो सरकारी भवन है, उनमें भी एक एक कमरे

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श्योपुर में किराए के कमरों में चल रही 328 आंगनबाड़ी

श्योपुर,
जिले में कुपोषण की स्थिति गंभीर है, उसके बाद भी आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थितियों में सुधार नहीं है। स्थिति यह है कि जिले में कई केंद्र ऐसे हैं, जिन पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। स्थिति यह है कि कुल केंद्रों में से 328 केंद्र तो ऐसे हैं, जिन के पास स्वयं भवन ही नहीं है। यही वजह है कि ये केंद्र या तो एक-एक कमरे के किराए के भवन में चल रहे हैं, या फिर कार्यकर्ता या सहायिका के घर में है। कई गांवों के केंद्र तो ऐसे हैं, जहां बच्चों को खुली जगह पर ही बिठाना पड़ता है।
विशेष बात यह है कि जिन आंगनबाडिय़ों के पास सरकारी भवन हैं, उनमें भी विभागीय भवन महज 396 केंद्रों के पास ही है, जबकि शेष आंगनबाडिय़ां पंचायत, स्कूल या अन्य शासकीय भवन के एक-एक कमरे में लगाई जा रही हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं के सामने समस्या ये है कि इन एक-एक कमरों में बच्चों को बिठाए या फिर पोषण सामग्री रखें। हालांकि पिछले वर्षों में कुछ आंगनबाडिय़ों के लिए नवीन भवन भी स्वीकृत हुए, लेकिन उनमें से अधिकांश अधूरे पड़े हैं। बावजूद इसके विभागीय अफसर और जिला प्रशासन के अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बताया गया है कि जिले में कुल 1226 आंगनबाड़ी केंद्र (उप आंगनबाड़ी केंद्र सहित) हैं, जिनमें से 862 केंद्र विभागीय या अन्य शासकीय भवन में चल रहे हैं, जबकि 328 केंद्र किराए के भवनों में चल रहे हैं। इसके अलावा 36 ऐसे केंद्र हैं, जो न तो किराए के भवन में और न ही शासकीय भवन है।
हर माह जा रहा 3 लाख रुपए का किराया
बताया गया है कि विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 750 रुपए और शहरी क्षेत्र में 2000 रुपए प्रतिमाह किराया दिया जा रहा है। इस लिहाज से 328 आंगनबाड़ी (272 ग्रामीण और 56 शहरी क्षेत्र) के लिए हर माह 3 लाख 16 हजार रुपए विभाग द्वारा आंगनबाडिय़ों के किराए के रूप में दिया जा रहा है।
एक सैकड़ा भवन अधूरे
बताया गया है कि जिले पिछले वर्षों में लगभग तीन सैकड़ा से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के नवीन भवन स्वीकृत किए गए, लेकिन उनमें से अभी भी लगभग एक सैकड़ा भवन अधूरे पड़े हैं। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। बताया गया है कि ये नवीन भवन अलग-अलग मदों में स्वीकृत हुए थे।

वर्जन
जो भवन स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है, उन्हें पूर्ण करने के लिए संबंधित विभागों को कहा गया है। साथ ही जो 328 केंद्र किराए में चल रहे हैं, उनमें सभी सुविधाएं हों, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
रतन सिंह गुंडिया
जिला महिला बाल विकास अधिकारी, श्योपुर

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