हालांकि किसानों ने सीएम पर पूरा विश्वास होने की बात कही है और ऐलान किया कि ३५ गांव के किसानों को सीएम की बात पर पूरा ऐतवार है। वैसे भी सीएम ने न सिर्फ डीपीआर तैयार कराए जाने का आश्वासन किसानों को दिया है। बल्कि किसानों को नहर से पानी दिलाने के लिए अगले बजट सत्र में राशि का प्रावधान किए जाने का विश्वास भी दिलाया है। इसलिए अब इसमें कोई संदेह नहीं है और यही वजह है कि किसान बिना किसी शर्त के अपना धरना समाप्त कर रहे हैं। यहां बता दें कि पटेल चौक पर किसानों के द्वारा २० दिन पूर्व धरना शुरू किया गया। नहर की मांग को लेकर किसान धरने पर बैठे और उन्होंने ऐलान किया कि शांति के साथ वह सरकार के समक्ष अपनी मांग को पहुंचाएंगे और खेतों तक पानी पहुंचे इसके लिए पूरा पूरा प्रयास करेंगे। किसानों के धरने को शहर के अधिकांश संगठनों व जन प्रतिनिधियों का समर्थन मिला। इसी का परिणाम रहा कि किसानों की आवाज सरकार तक पहुंची और कराहल दौरे के दौरान सीएम ने किसानों से मुलाकात की और २ जनवरी को उन्हें इस विषय में विस्तार से बातचीत के लिए भोपाल बुलाया। जहां पर सीएम ने किसानों को धरना समाप्त करने के लिए कहा और बोले कि पानी पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है। जिसके बाद किसानों ने भी आज धरना समापन का ऐलान कर दिया और सभी सहयोगी संगठनों को आभार भी इसदौरान किसानों की ओर से जताया गया।