बताया गया है कि श्योपुर के पीजी कॉलेज में कुल 59 पद (शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक)स्वीकृत हैं, जिसमें से महज 21 पदों पर स्थाई नियुक्तियां हैं, जबकि 38 पद महीनों से नहीं बल्कि बरसों से खाली पड़े हैं। इनमें प्राचार्य सहित प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों के कुल 35 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से महज 8 ही पद ही भरे हैं, जबकि 27 पद खाली पड़े हैं। इनमें भी 4 प्राध्यापकों में से एक भी प्राध्यापक नहीं है, जबकि 22 सहायक प्राध्यापकोंं के पद खाली पड़े हैं। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार महाविद्यालय प्रबंधन ने अतिथि विद्वान लगाए हुए हैं, लेकिन स्थाई प्रोफेसर न होने से शैक्षणिक व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। बावजूद इसके शासन-प्रशासन द्वारा महाविद्यालय में पदों की पूर्ति के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गैर शैक्षणिक स्टाफ भी नगण्य
जहां एक ओर महाविद्यालय में शैक्षणिक स्टाफ के 75 फीसदी से ज्यादा पद खाली है, वहीं गैर शैक्षणिक स्टाफ में भी हालात जुदा नहीं है। यहां क्लेरिकल स्तर के 5 पद हैं, जिनमें से 2 ही पद भरे हैं। विशेष बात यह है कि हॉस्टर मैनेजर का एक पद स्वीकृत है और इस पर पदस्थापना भी है, लेकिन हॉस्टल चालू ही नहीं है। कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य पदों की भी है।
पांच दशक पुराना है श्योपुर कॉलेज
श्योपुर जिला मुख्यालय का पीजी कॉलेज लगभग पांच दशक पुराना है। बताया गया है कि 60 के दशक में खुले श्योपुर कॉलेज का संचालन पहले किले के एक भवन में होता था, लेकिन जिला बनने के बाद ये पाली रोड पर बने नए भवन में शिफ्ट हो गया। हालांकि कॉलेज को नया और बड़ा भवन मिला हुआ है, लेकिन स्टाफ के अभाव में शैक्षणिक व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। वर्तमान में कॉलेज में बीए,बीएससी, बीकॉम, एमए,एमएसी और एमकॉम की कक्षाओं में कुल 2800 छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं।
शासकीय महाविद्यालय श्येापुर में रिक्त पदों की जानकारी हम समय-समय पर वरिष्ठ कार्यालय को भिजवाते हैं और स्थाई नियुक्तियों की मांग भी की है। रिक्त पदों के एवज में हमने अतिथि विद्वान लगाए हुए हैं और हमारा लगातार प्रयास शैक्षणिक व्यवस्थाएं प्रभावित न हों।
डॉ.एसडी राठौर
प्रभारी प्राचार्य, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय श्येापुर