यही वजह है कि बीते कई महीनों से ठेकेदार ने केवल यहां गिट्टी डालकर काम बंद किया हुआ है, जबकि निर्माण की समयावधि कब की गुजर चुकी है। इसी के चलते क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि हम बीते सात सालों से सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक ढाक के तीन पात वाली स्थिति ही है।
बताया गया है कि लगभग सात साल पूर्व जावेदश्वर-मेवाड़ा और मेवाड़ा-शंकरपुर तक की दो सड़कों को शासन ने स्वीकृति दी थी। हालांकि तत्समय शंकरपुर-मेवाड़ा सड़क तो जैसे-तैसे बन गई, लेकिन जावदेश्वर-मेवाड़ा सड़क का काम ठेकेदार ने बीच में ही छोड़ दिया। यही वजह है कि लोक निर्माण विभाग ने ठेका टर्मिनेट कर रिटेंडर कराया और पुन: काम शुरू भी हुआ, लेकिन रिटेंडर में भी काम कछुआ गति से ही चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बीते कई महीनों से काम बंद पड़ा है और ठेकेदार ने केवल गिट्टी डालकर काम बंद किया हुआ है।
तीन करोड़ में बननी है सड़क
बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई जा रही ये सड़क जावदेश्वर से मेवाड़ा तक लगभग आठ किलोमीटर लंबी बनेगी, जिसके निर्माण पर लगभग 3 करोड़ रुपए खर्चकिए जाएंगे। इससे पूर्व लगभग सात साल पूर्व स्वीकृति के समय भी इतनी ही राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन तत्समय के ठेकेदार ने आधा अधूरा काम कराकर छोड़ दिया। जिसके चलते आज भी वाशिंदों को कच्ची सड़क से ही गुजरना पड़ता है।
बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई जा रही ये सड़क जावदेश्वर से मेवाड़ा तक लगभग आठ किलोमीटर लंबी बनेगी, जिसके निर्माण पर लगभग 3 करोड़ रुपए खर्चकिए जाएंगे। इससे पूर्व लगभग सात साल पूर्व स्वीकृति के समय भी इतनी ही राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन तत्समय के ठेकेदार ने आधा अधूरा काम कराकर छोड़ दिया। जिसके चलते आज भी वाशिंदों को कच्ची सड़क से ही गुजरना पड़ता है।
दर्जनों गांव के लिए महत्वपूर्ण है ये सड़क
मेवाड़ा-जावदेश्वर सड़क बनने से क्षेत्र के दर्जनों गांवों का सफर सुगम होगा। सबसे ज्यादा लाभ मेवाड़ा बहरावदा क्षेत्र के वाशिंदों को होगा, जिन्हें सवाईमाधोपुर जाने के लिए सीधा रास्ता मिल जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में सीप नदी का पुल बन चुका है और अब ये सड़क बन जाएगी, जिससे सीप नदी के उस पार के चकबमूल्या आदि क्षेत्र के गांवों के लिए भी सीधा रास्ता हो जाएगा। लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण सड़क निर्माण ठप है।