– हर दुकानदार को लाइसेंस लेना होगा
– किसी प्रकार की खानपान की दुकान चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा
– वार्षिक रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराना होगा
– लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा दुकान में लगाना होगा
– हाइजेनिक (साफ-सफाई)
– सेनिटेशन (अवशिष्ट का निकास)
– इस्तेमाल किया जा रहा खाद्य पदार्थ (तेल, मैदा, मसाले, दूध आदि)
– अंतिम तौर पर तैयार प्रोडक्ट (पेस्ट्री, तैयार मिठाई व अन्य ) हो सकती जेल
– नियमों का उल्लंघन करने वाले छोटे दुकानदारों पर जुर्माना
– बड़े खानपान दुकानदारों-रेस्टोरेंट पर जेल और जुर्माना का प्रावधान
अगस्त 2011 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया था। रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस बनवाने के लिए मार्च 2013 तक कार्रवाई में छूट मिली थी। अप्रैल 2013
मार्च तक सरकार की ओर से कार्रवाई में रियायत दी गई थी। सरकारी अमला अब अभियान तेज कर बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के चल रही दुकानों पर कार्रवाई शुरू करेगा।
12 तेल मिल
112 किराना दुकान
26 सब्जी थोक दुकान
18 फल फ्रूट दुकान
28 दूध डेयरी
02 चिलर प्लांट
18 मिष्ठान दुकान
08 कोल्डड्रिंक एवं केक दुकान
04 होटल वर्जन
हां यह बात सही है कि नगर विजयपुर में अधिकांश दुकानों के पंजीयन नहीं है इसलिए हम जल्द ही विजयपुर में एक शिविर लगाकर दुकानदारों से पंजीकरण के लिए कहेंगे। इसके बाद भी अगर दुकानदार पंजीयन नहीं कराते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
हनुमान मित्तल
खाद्य सुरक्षा अधिकारी, श्योपुर