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90 फीसदी झुलसी महिला स्टे्रचर पर तड़पती रही, डॉक्टर देखने की बजाय एसी में जा सोए

locationश्योपुरPublished: Apr 30, 2019 08:14:46 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

– डॉक्टर के संवेदनहीन रवैए से खफा परिजनों ने किया हंगामा – एक घंटे चला हंगामा, नाजुक हालत में महिला को कोटा रैफर कर दिया – परिजनों का आरोप..एसी से बाहर नहीं निकले डॉक्टर- नरवाई में लगाई आग की चपेट में आकर जल गई थी महिला

sheopur

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सोईकलां/श्योपुर
90 फीसदी झुलसी कमलेश स्ट्रेचर पर तड़पती रही। डॉक्टर उसे देखने की बजाय एसी में सोते रहे। परिजन डॉक्टर से कमलेश को देखने की गुहार करते रहे, लेकिन डॉक्टर ड्यूटी रूम से नहीं निकले। ऐसे में परिजनों ने हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर से कमलेश का उपचार शुरू करने को कहा, तो डॉक्टर ने थाने में बंद कराने की धमकी देते हुए पुलिस बुला ली। घंटे भर चले हंगामे के बाद महिला को कोटा रैफर कर दिया गया। विशेषज्ञों के अनुसार २० फीसदी जलने के बाद ही केस गंभीर हो जाता है। लेकिन यहां ९० फीसदी महिला के झुलने के बाद भी संवेदनहीन रवैया अपनाया गया।
सोंईकलां निवासी रघुवीर मीणा का खेत चिमलका के माड़ में स्थित है। जहां खेत पर ही उसका परिवार रहता है। सोमवार को खेतो में खड़ी नरवाई में लगाई आग की चिंगारी रघुवीर के घर तक पहुंच गई और भैसों की टपरिया में आग लग गई। भैसों को आग से घिरा देख रघुवीर मीणा की पत्नी कमलेश बाई भैसों को खोलने के लिए टपरिया में पहुंची। भैंस खोलने के दौरान कमलेश आग में घिर गई। जब तक परिवार के लोग आग पर काबू पाते कमलेश बाई जल चुकी थी। 90 फीसदी झुलस चुकी कमलेश को परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन यहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ.डीएस सिकरवार ने उसे देखा तक नहीं।
परिजन बोले.. डॉक्टर ने इलाज तो नहीं किया उल्टा हमें ही धमका दिया
कमलेश को परिजन जल्द उपचार मिलने की उम्मीद लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन डयूटी पर मौजूद डॉ डीएस सिकरवार ने इलाज करने में तत्परता नहीं दिखाई। जिससे परिजनों ने हंगामा कर दिया। कमलेश के पति रघुवीर का आरोप है कि डॉक्टर इलाज करने के बजाए एसी में जाकर सो गए। हमने जल्द इलाज करने की कही तो डॉक्टर ने हम पर ही यह आरोप जड़ दिया कि तुम ही खुद इसे जलाकर यहां लाए हो। डॉक्टर की यह बात सुनकर परिजनों का हंगामा बढ़ गया। जो पुलिस के पहुंचने पर शांत हुआ।
देरी से आई 108 एंबुलेंस
नाजुक हालत में महिला को कोटा के लिए रैफर किया गया। लेकिन उसे कोटा ले जाने के लिए बुलाई गई 108 एंबुलेंस भी काफी देरी से जिला अस्पताल पहुंची। एंबुलेंस के आने में हुईदेरी से भी लोगों का गुस्सा घटने के बजाए और बढ़ गया।
आग से जल गई 5 हजार बीघा खेत की नरवाई
आग खेत में खड़ी नरवाई से लगी थी। इस आग से कमलेश के घर के पास बना भूसे का टोपा आदि भी जल गया। नरवाई में लगाई यह आग ददुनी जाट ढाबे के पास स्थित खेतों से शुरु हुई,जो चिमलका के माड़ तक पहुंच गई। इस आग ने करीब 5 हजार बीघा खेत में खड़ी नरवाई को जला दिया। नरवाई की आग को बुझाने के लिए श्योपुर से दमकल भी पहुंची।
वर्जन
डॉक्टर सिकरवार का रवैया बहुत ही संवेदनहीन रहा। डॉक्टर इलाज करने के बजाए एसी में जाकर सो गए,जो कहने के बाद भी बाहर नहीं आए। जबकि महिला इलाज के लिए तड़प रही थी। डॉक्टर ने परिजनों को थाने में बंद कराने पुलिस भी बुला ली। ऐसे लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। मैं इसकी प्रशासन से शिकायत करूंगा।
नरेश रावत
अध्यक्ष सेवा सहकारी संस्था सोंईकलां
वर्जन
हंगामे की सूचना पर जिला अस्पताल पहुंचते थे। समझाइश देकर परिजनों को शांत कराया। महिला को कोटा रैफर कर दिया।
एमएस सिकरवार
एएसआई, कोतवाली थाना, श्योपुर
महिला की हालत बहुत ही नाजुक थी। महिला को यहां जो इलाज उपलब्ध था,वह इलाज उपलब्ध कराया। रैफर के लिए १०८ एंबुलेंस को भी कॉल कर बुलाया गया। इतना करने के बाद भी परिजन मुझसे ही अभद्रता करने लग गए।
डॉ डीएस सिकरवार
ड्यूटी डॉक्टर,जिला अस्पताल,श्योपुर
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