जिले में बीते छह माह में जहां 13 करोड़ यूनिट से अधिक की बिजली चोरी हो गई है। वहीं बीते दो माह की ही स्थिति देखें तो सबस्टेशनों के हुई बिजली सप्लाई के एवज में बिजली कंपनी 41 से 42 फीसदी ही बिलिंग कर पाई है और 58 से 59 फीसदी बिजली चोरी में चल गई। बताया गया है कि अगस्त माह में जहां 41.16 फीसदी की बिलिंग हो पाई है, जबकि सितंबर में 42.6 8 फीसदी। बिजली कंपनी के सूत्रों की माने तो घरेलू कनेक्शनों के साथ ही पंप कनेक्शनों में भी चोरी हो रही है। पंप कनेक्शनों में तो स्थिति ये है कि 5 एचपी की मोटर पर लिए गए कनेक्शन पर 12 एचपी तक की मोटर चलाई जा रही हैं। जाहिर है इसमें विभाग के मैदानी अमले की मिलीभगत होने की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
बिजली चोरी होने के साथ ही जिले में बिजली बिलों की जमा करने की स्थितियों में भी सुधार नहीं आया है। हालांकि बिजली कंपनी के अफसर शहर सहित जिले भर में कनेक्शन काटने और वसूली का अभियान चला रहे हैं, लेकिन बकाया का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। वर्तमान में जिले भर के सभी तरह के बिजली उपभोक्ताओं पर 251 करोड़ 6 1 लाख रुपए बकाया है, जिसमें घरेलू कनेक्शनों पर 124 करोड़ 78 लाख, पंप कनेक्शनों पर 8 4 करोड़ 2 लाख, व्यवसायिक कनेक्शनों पर 29 करोड़ 6 2 लाख रुपए बकाया है।
स्थितियां सुधारने प्रयासरत
यह बात सही है कि बिजली चोरी की स्थिति है, फिर भी इसमें हम लगातार प्रयासरत हैं, जिसके चलते काफी सुधार भी आया है। वहीं बिलों की वसूली में पहले की तुलना में काफी सुधार आया है और हम इसके लिए लगातार अभियान चला रहे हैं।
दिनेश सुखीजा
महाप्रबंधक, बिजली कंपनी श्योपुर