सिलपुरी में प्रतिवर्ष होली की पंचमी को डंडा उखाड़ होली का आयोजन यादव अहीर समाज द्वारा व्यापक पैमाने पर किया जाता है, इसी क्रम में शुक्रवार को भी आयोजित उत्सव में बड़ी संख्या में महिला-पुरुषों ने भागीदारी करते हुए होली खेली। इस आयोजन में क्षेत्र के प्रत्येक गांवों की अहीर समाज की टोलियों ने भाग लिया।
दोपहर बाद शुरु हुए रंगोत्सव के अंतर्गत संपन्न हुई डंडा उखाड़ होली में एक इमली की लकड़ी काटकर जमीन में गाड़ दी गई और उस पर पंचमेवा से भरी एक पोटली को बांध दिया गया। इसके उपरांत अहीर समाज की महिलाओं ने इस लकड़ी के चारों ओर पहरा देना शुरु किया और उसके बाद प्रारंभ हुआ मुख्य हुड़दंग का आयेाजन, जब आसपास क्षेत्रों से आई हुई अहीर समाज के युवाओं की टोली इस लकड़ी को उखाडऩे की कोशिश करती है लेकिन जो लकड़ी को उखाडऩे आता है उसके महिलाओं द्वारा जमकर लठ्ठ बरसाए गए। यादव समाज की विभिन्न टोलियोंं ने इस लकड़ी को उखाडऩे की भरसक कोशिश की, लेकिन महिलाओं द्वारा बरसाये गए लट्ठों के आगे उनकी एक न चली।
इसके बाद सिलपुरी अहीर समाज की ओर से विजेता टीम को पुरुस्कृत किया गया। पूरे आयोजन में स्त्री पुरुषों ने मिलकर जमकर होली का हुड़दंग मचाया। वहीं वृंदावन की तर्ज पर रास भी रचाया। मिनी वृंदावन से माहौल से परिपूर्ण रहे सिलपुरी ग्राम में रंगपंचमी के इस उत्सव के दौरान राधा कृष्ण के मंदिर पर आकर्षक झांकी सजाई गई तथा छप्पन भोग का आयोजन किया गया।
…इधर मालीपुरा में दिन भर चला भजनों का दौर
ग्राम मालीपुरा में सोमवार को रंगपंचमी पर दिन भर भजन-कीर्तनों का दौर चला। यहां मालीपुरा ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों से भजन मंडलियांं आई और फाग के साथ ही अन्य भजनों का गायन हुआ। इसके साथ ही ग्रामीणों ने जमकर रंग-गुलाल उड़ाया। दिन भर चले फागोत्सव और रंगपंचमी के इस आयोजन में दर्जन भर से अधिक गांवों के सैकड़ों महिला-पुरुष जुटे और भजनों पर नाचे भी। इसके अलावा ग्राम राधापुरा, चंद्रपुरा, नारायणपुरा आदि गांवों में भी भजन-कीर्तनों के बीच रंगपंचमी मनाई।