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अलर्ट! डेंगू, मलेरिया के बाद अब स्क्रब टायफस की दस्तक

locationश्योपुरPublished: Oct 06, 2019 11:20:44 pm

प्रेमसर का एक युवक स्क्रब टायफस से ग्रसितराजस्थान के कोटा स्थित निजी अस्पताल में चल रहा है इलाज

अलर्ट! डेंगू, मलेरिया के बाद अब स्क्रब टायफस की दस्तक

कोटा के निजी अस्पताल में भर्ती युवक।

श्योपुर. मलेरिया, डेंगू के बाद अब जिले में स्क्रब टायफस ने दस्तक दे दी है। प्रेमसर का एक युवक स्क्रब टायफस का शिकार हुआ है, जिसका राजस्थान के कोटा स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। युवक ही हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई गई है। चिकित्सक का कहना है कि उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। बुखार आने पर युवक दो अक्टूबर को कोटा गया था जहां उसने डॉ. अजमेरा को दिखाया। डॉक्टर ने परीक्षण के बाद खून की जांच कराई, जिसमें उसे स्क्रब टायफस होने की पुष्टि हुई।
प्रेमसर निवासी रामलखन मीणा (28) स्क्रब टायफस के शिकार हुए हैं। रामलखन कोटा के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। बुखार आने पर रामलखन इलाज के लिए कोटा गए थे, जहां जांच में स्क्रब टायफस निकला। डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया, जिससे उन्हें आराम मिल गया तो वह तीन अक्टूबर को श्योपुर लौट आए। इसके बाद रामलखन की तबीयत फिर बिगड़ गई, तो उन्हें परिजन पांच अक्टूबर को फिर कोटा लेकर पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती कर लिया गया। रामलखन का कोटा में अभी इलाज चल रहा है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले वर्ष 2017 में स्क्रब टाइफस ने श्योपुर में दस्तक दी थी।
बरसात से पनप रहा पिस्सू, स्वास्थ्य विभाग अनजान
बरसात के मौसम में पनप रही बीमारियों के चलते लोग पहले से परेशान थे, लेकिन अब स्क्रब टायफस का पिस्सू भी सताने लगा है। इसकी जानकारीस्वास्थ्य विभाग के अफसरों को नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पास सक्रिय होकर स्क्रब टायफस से निपटने की तैयारी नहीं है। धान के खेतों में पिस्सू पनप रहे हैं।
क्या है स्क्रब टायफस
स्क्रब टायफस एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो पिस्सू के काटने से होता है। इसके लक्षण चिकनगुनिया जैसे होते हैं। समय से उपचार न मिलने की स्थिति में मरीज की जान तक जा सकती है। इसमें डेंगू की तरह से प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। इसके अलावा लीवर, दिमाग और फेफड़ों में कई तरह से संक्रमण होने लगते हंै, जिससे मरीज ऑर्गन डिसऑर्डर के स्टेज में पहुंच जाता है।
स्क्रब टायफस के लक्षण
शुरूआत में सिर दर्द, खांसी और ठंड के साथ बुखार आता है। उपचार न मिलने पर बुखार तेज हो जाता है और असहनीय सिर दर्द होता है। कई बार मरीजों के पेट पर खुजली और लाल चकते आ जाते हैं, जो पूरे शरीर में फैल जाते हैं।
स्क्रब टायफस से बचाव
जंगल या फिर खेतों और झाडिय़ों में जाते समय शरीर को ढंक कर रखें। जहां ज्यादा पिस्सू आदि हो, वहां जाने से बचें। जिन जगहों पर चूहे होते हैं, वहां भी इसके फैलने की आशंका रहती है।
स्क्रब टायफस से पीडि़त मरीज के बारे में जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी की जाएगी। अगर पॉजिटिव केस है, तो जिले में अलर्ट जारी कर बीमारी पर निगरानी रखने के निर्देश चिकित्सकों को दिए जाएंगे।
डॉ. एआर करोरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्योपुर
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