जिले के लिए यूरिया खाद की किसानों को आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन इस समय किसी भी सोसाइटी पर खाद नहीं है जिस करण किसानों को बाजार से महंगे दामों में खाद खरीदना पड़ रहा है। खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए किसान संगठन प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक एक्शन नहीं हो सका है।
सोसाइटियों से किसानों को खाद नहीं मिलने के कारण कई बड़े दुकानदारों ने यूरिया और डीएपी का स्टॉक कर लिया है, ताकि जब खाद को लेकर मारामारी मचे तो महंगे दामों पर बेच सके। निजी दुकानों के गोदाम खाद से भरे पड़े हैं, लेकिन फिर भी वह किसानों को खाद नहीं दे रहे हैं। जो दुकानदार बेच रहे हैं वह महंगा बेच रहे हैं।
1100 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध
1000 मीट्रिक टन आने की उम्मीद
250 किसानों को दिया जा रहा रोजाना टोकन
1 बीघा जमीन पर एक टोकन वर्जन
हमारे पास यूरिया 1100 मीट्रिक टन उपलब्ध है। 1100 मीट्रिक टन और आने की उम्मीद है। लेकिन अभी ऊपर से डीएपी नहीं मिल रहा है।
अभिषेक जैन, डीएमओ, मप्र विपणन संघ श्योपुर